वर्तमान समय में कई ऐसी बीमारियां हैं जो लोगों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक, तीनों रूप से अपनी जकड़ में ले रही हैं. इसका एक प्रमुख कारण है लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता में कमी. लोगों में स्वास्थ्य के प्रति इसी जागरूकता के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. इसी दिन 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना हुई थी. इस अंक में हमारे एक्सपर्ट कुछ आम बीमारियों के इलाज में होनेवाले खर्च और बचाव के उपाय बता रहे हैं, जिनसे अधिसंख्य लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
अपने या परिवार में किसी के स्वास्थ्य की अनदेखी के कारण, जब हमारा सामना बीमारी से होता है, तब शारीरिक रूप से तो हमें परेशानी होती ही है, साथ ही आर्थिक और मानसिक परेशानियों में खुद को घिरा पाते हैं. हम सब यह जानते हैं कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है. इसलिए जब हम शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं, तभी हम मानसिक रूप से भी स्वस्थ अनुभव करते हैं. वहीं कई बार बीमारियों के गंभीर होने के कारण उनके इलाज का खर्च इतना अधिक होता है कि आर्थिक रूप से संपन्न घर को भी कमजोर बना देता है.
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जानते हैं कुछ ऐसी ही बीमारियों के बारे में, जो अधिसंख्य लोगों को अपनी चपेट में लेकर शारीरिक और आर्थिक रूप से कमजोर बना देती हैं. इस बारे में दिल्ली के प्रसिद्ध डॉक्टर गिरीश छाबड़ा बताते हैं कि अर्थराइटिस या गठिया सामान्य बीमारी है, जो हड्डियों के जोड़ो में यूरिक एसिड जम जाने की वजह से होती है.
खर्च : यह बीमारी ताउम्र व्यक्ति का पीछा करती है. इसलिए खर्च भी टुकड़ों में ताउम्र ही होता है. बचाव : मरीज नियमित रूप से कुछ समय धूप में रहने की कोशिश करें. यदि फिर भी परेशानी हो, तो अपनी पुरानी दवाई न खाएं और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. मरीज दूध और हरी सब्जियों का सेवन अधिक करें. तली चीजों से परहेज ही रखें.
डॉ गिरीश छाबड़ा
हड्डी रोग विशेषज्ञ
पुष्पांजलि अस्पताल, दिल्ली