सिडनीः लापता विमान एमएच 370 की गहन खोज के दौरान समुद्र की वह अनदेखी दुनिया सामने आयी है, जिसका हिस्सा ज्वालामुखी, गहरी घाटियां और चट्टानें हैं. ऑस्ट्रेलिया द्वारा जारी किये गये विस्तृत नक्शों में यह बात सामने आयी है. हालांकि, दक्षिण हिंद महासागर में तलाशी में मलेशियाई एयरलाइन के विमान का कोई सुराग नहीं लगा. यह तलाश बेहद खर्चीली थी, जिसमें जांच को आगे बढ़ाने के लिए समुद्री सतह की विस्तृत तस्वीर वाले ढेर सारे आंकड़ों की जरूरत थी. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि नये नक्शों से उन्हें समुद्र के भीतर के बारे में काफी सारी जानकारी हाथ लगेगी.
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जियोसाइंस ऑस्ट्रेलिया के एन्वर्मेंट जियोसाइंस प्रमुख स्टुअर्ट मिनचिन के अनुसार, ऐसा अनुमान है कि विश्व के सागरों के महज 10 से 15 फीसदी हिस्से का ही सर्वे उस तकनीक से हुआ है, जिसका इस्तेमाल एमएच370 की तलाश में किया गया. मिनचिन ने कहा कि ये नक्शे भविष्य के वैज्ञानिक शोधों में भी काम आयेंगे.
बोइंग 777 तीन वर्ष पहले गायब हो गया था. इसमें 239 लोग सवार थे. ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया और चीन ने गहरे समुद्र में इस विमान की तलाश इस वर्ष जनवरी में बंद कर दी थी. उपग्रह विश्लेषण के आधार पर विमान की 1,20,000 वर्गकिमी क्षेत्र में तलाश की गयी.