रांची: झारखंड की राजनीति में पुराने दल के रूप में झामुमो की अपनी पहचान है. आज झामुमो से ही निकल कर कई नेता अन्य दलों में राजनीति में कर रहे हैं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी कहते हैं कि झामुमो नेता बनाता है. इसी पार्टी से निकले कई लोग आज दूसरी पार्टियों को संभाल रहे हैं. वह झामुमो को एक राजनीतिक पाठशाला भी बताते हैं.
झामुमो का गठन चार फरवरी 1973 को हुआ था. तब से इस पार्टी से कई नेता अलग हुए. कई ने अपना वजूद बनाया और कई नेताओं ने अपना वजूद खो दिया, पर पार्टी आज भी वहीं खड़ी है, जहां पहले थी. कमोबेश पार्टी की उपस्थिति भी लगभग एक समान जैसी ही रहती है. लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, पार्टी अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रही है.
झामुमो के गठनकर्ता विनोद बिहारी महतो सबसे पहले पार्टी से अलग होकर झामुमो बी पार्टी बनायी, पर चली शिबू सोरेन के झामुमो की ही. इसके बाद 1987 में झामुमो का छात्र संगठन आजसू भी अलग हो गया. तब आजसू में प्रभाकर तिर्की व सूर्य सिंह बेसरा अलग हुए. दोनों नेता अलग-अलग मंचों पर आज भी संघर्ष कर रहे हैं. उस समय कमल किशोर भगत भी अलग हुए थे. आज कमल किशोर भगत आजसू में विधायक हैं. फिर 1991-92 में कृष्णा मार्डी पार्टी से अलग हुए. इन्होंने भी झामुमो मार्डी पार्टी बनायी, पर आज न तो झामुमो बी पार्टी है और न ही झामुमो मार्डी पार्टी.
1998 में शैलेंद्र महतो ने झामुमो छोड़ दिया. उनकी पत्नी आभा महतो भी अलग हुईं. दोनों भाजपा में गये. फिर अर्जुन मुंडा अलग हुए. वह भाजपा से चुनाव जीत कर विधायक बने. बाद में झारखंड के मुख्यमंत्री बने. एक मुख्यमंत्री के रूप में सबसे लंबा कार्यकाल अर्जुन मुंडा का ही रहा है. वह आज भाजपा को नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं.
सूरज मंडल अलग हुए. उन्होंने अपना झारखंड विकास दल बनाया है. झामुमो के कद्दावर नेताओं में एक स्टीफन मरांडी ने भी झामुमो छोड़ा. निर्दलीय चुनाव जीते. झारखंड में उप मुख्यमंत्री बने. अभी वह कांग्रेस में हैं. हाल ही में शिबू सोरेन के सगे भाई लालू सोरेन ने झामुमो छोड़ दिया है. झामुमो के सांसद और विधायक रहे हेमलाल मुमरू ने पार्टी छोड़ दी है. विद्युत वरण महतो भी भाजपा में शामिल हो गये हैं. हेमलाल को राजमहल से व विद्युतवरण महतो को जमशेदपुर सीट से भाजपा ने टिकट दिया है.
झामुमो में दूसरे दलों से भी आये हैं लोग
झामुमो में दूसरे दलों से भी लोग आये हैं. विष्णु भैया भाजपा व झाविमो को छोड़ झामुमो में शामिल हुए. मनोहर टेकरीवाल भी भाजपा व झाविमो को छोड़ झामुमो में शामिल हुए. हाल ही में कांग्रेस को छोड़ कर झामुमो में शामिल हुए विजय हांसदा को पार्टी ने राजमहल से टिकट दिया है.