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Exclusive: बोले जितेंद्र कुमार- सुशांत की मौत के बाद मेरे परिवार वाले भी डर गए हैं…

jitendra kumar, sushant singh rajput death : डिजिटल प्लेटफार्म का लोकप्रिय चेहरा जितेंद्र कुमार की नयी फ़िल्म 'चमन बहार' ने नेटफ्लिक्स पर दस्तक दी है. उनकी इस फ़िल्म और सुशांत की मौत के बाद एक आउटसाइडर एक्टर होने के नाते उनकी सोच और डर सहित कई मुद्दों पर उर्मिला कोरी की बातचीत...

jitendra kumar on sushant singh rajput death : डिजिटल प्लेटफार्म का लोकप्रिय चेहरा जितेंद्र कुमार की नयी फ़िल्म ‘चमन बहार’ ने नेटफ्लिक्स पर दस्तक दी है. उनकी इस फ़िल्म और सुशांत की मौत के बाद एक आउटसाइडर एक्टर होने के नाते उनकी सोच और डर सहित कई मुद्दों पर उर्मिला कोरी की बातचीत…

चमन बहार यह पहली फ़िल्म थी, जिसे आपने साइन किया था ?

हां, शुभमंगल ज़्यादा सावधान से पहले मैंने यह फ़िल्म साइन की थी तो एक अलग सा अटैचमेंट होता ही है. फ़िल्म थिएटर में जून में ही रिलीज होने वाली थी लेकिन अभी तो थिएटर बंद हैं तो नेटफ्लिक्स पर ही फ़िल्म रिलीज हो गयी।.लॉकडाउन का अगर ये नुकसान है तो ये फायदा भी है कि अभी लोग डिजिटल प्लेटफार्म पर जमकर मनोरंजन तलाश रहे हैं.शोज,फिल्म्स धड़ल्ले से लोग देख रहे हैं.उम्मीद है ये फ़िल्म भी लोगों को पसंद आएगी.

फ़िल्म शुभ मंगल ज़्यादा सावधान का आपकी इस फ़िल्म को फायदा मिलेगा ?

हां बिल्कुल, मैं काफी समय से डिजिटल पर बहुत कुछ करता आ रहा हूं. 16 से 35 साल के लोग डिजिटल के दर्शक होते हैं. फिल्मों को हर उम्र के लोग देखते हैं. शुभ मंगल को काफी लोगों ने देखा है तो उन्हें याद है कि ये लड़का उसमें था.उसका फायदा पंचायत को भी मिला था. उम्मीद करता हूं कि वही फायदा इस फ़िल्म को भी मिले.

सुशांत की मौत के बाद से क्या आउटसाइडर्स एक्टर्स होने के नाते बॉलीवुड की राहें और चुनौतीपूर्ण लग रही हैं ?

सुशांत की मौत काफी दुख और शॉकिंग वाली खबर थी.आप देखते हो कि कोई इंसान जीरो से शुरू करके इतना कुछ अचीव करता है.आप उसे अपना हीरो मानने लगते हैं. फिर ऐसे चला जाया तो बहुत दुख होता है.सबसे बड़ा दुख उनकी फैमिली का है.जहां तक बात आउटसाइडर्स की है तो उनको संघर्ष करना पड़ता है. ये सभी जानते हैं लेकिन उन्होंने हर दौर में अपना एक मुकाम बनाया ही है।ये भी हकीकत है. बॉलीवुड के ज़्यादातर सुपरस्टार आउटसाइडर्स ही रहे हैं.राजेश खन्ना,अमिताभ बच्चन,शाहरुख खान इसका उदाहरण रहे हैं.अभी के समय में इरफान खान, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, आयुष्मान खुराना जीता जागता उदाहरण रहे हैं. आप में टैलेंट हैं तो आपको कामयाबी मिलेगी ही.

आप आउटसाइडर्स हैं ,जब इंडस्ट्री के बारे में ऐसी नेगेटिव खबरें आती हैं तो क्या फैमिली प्रभावित होती है ?

हां मेरा परिवार प्रभावित हुआ है. होना लाजमी भी है. डर तो गया ही है. फ़ोन और ज़्यादा करने लगे हैं. अपना ख्याल रखो ये बोलने के साथ साथ ये भी बोलते हैं कि कुछ भी छुपाना मत. सबकुछ शेयर करना.

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आपने इस घटना से क्या सीख ली है ?

मैं इस घटना के बाद हेल्थ का सबसे ज़्यादा ख्याल रखने को कहूंगा. सिर्फ अपना ही नहीं अपने आसपास के लोगों का भी ख्याल रखें. शारीरिक और मानसिक दोनों की अच्छी सेहत ज़रूरी है. मानसिक सेहत को लेकर थोड़ा और खुलना होगा. आमतौर पर लोह मनोवैज्ञानिक चिकित्सक को पागलों का डॉक्टर कहते हैं जो बहुत ही गलत है. हमें समझना होगा कि डिप्रेशन में इंसान किस हद तक जा सकता है.

आपने अपने कैरियर के लो फेज में खुद को किस तरह मोटिवेट किया ?

मुझे धीरे धीरे समझ आया.जब मैंने कैरियर शुरू किया था तो मैं भी काम को लेकर बहुत ज़्यादा स्ट्रेस लेता था फिर समझा कि मैं खुशी के लिए ये काम करना चाहता था स्ट्रेस के लिए नहीं.स्ट्रेस अपने परिवार और दोस्तों और हॉबीज की वजह से कम होता है.हफ्ते में अगर तीन दिन भी आप परिवार दोस्त और काम के बीच बैलेंस कर पा रहे हैं तो आप सही दिशा में जा रहे हैं.

आपकी क्या हॉबीज हैं ?

मेरी बहुत सारी हॉबीज है. कभी पोयट्री लिख लेता हूं.कभी स्केचिंग कर लेता हूं. हां टाइम मुश्किल से मिलता है लेकिन जिस दिन बैलेंस कर पाता हूं.अच्छा लगता है।इसके अलावा मुझे योग और क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है. मुझे लगता है कि स्पोर्ट्स आपको हर स्ट्रेस से दूर कर देता हूं क्योंकि खेलते वक़्त आपको पूरा फोकस्ड रहना पड़ता है.

लॉकडाउन के पीरियड में खुद को किस तरह से मशरूफ रखा ?

सच कहूं तो बहुत अधिक समय खाना बनाने,घर और कपड़े साफ करने में ही चला गया. समझ आया कि मां के जिस काम को हमने कभी तवज्जो नहीं दी वो कितना एफर्ट वाला काम है जो लोग घर काम करते हैं. उनके लिए भी नज़रिया इस लॉक डाउन ने बदल दिया है. इन सबके साथ मैंने खूब सारी पोएट्री भी लिखी है।शायद साल भर का कोटा पूरा कर लिया है.

आपके आनेवाले प्रोजेक्ट्स ?

मैं अभी एक दो महीने शूटिंग नहीं करने वाला हूं।मुझे लगता है कि अगर आपसे मैनेज हो सकता है तो एक दो महीने शूटिंग नहीं करनी चाहिए.शूटिंग में बड़ी बड़ी यूनिट लगती ही है. कोरोना का संकट अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है.

Posted By : Budhmani Minj

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