5G & Airlines : 5G तकनीक एक बार फिर से विवादों में घिर गई है. पहले 5G को कोरोना वायरस का जिम्मेदार ठहराया जा रहा था. इसके बाद कहा जाने लगा कि 5G नेटवर्क के आ जाने से पक्षियों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा. अब 5G की शुरुआत होते ही अमेरिका में एयरलाइन कंपनियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. आखिर यह माजरा क्या है? आइए समझें इसे-
अमेरिकी उड्डयन नियामक फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने कहा है कि 5जी के कारण विमान के रेडियो अल्टीमीटर और ब्रेक सिस्टम में बाधा उत्पन्न हो सकती है, जिससे रनवे पर विमान को लैंड कराने में दिक्कत आ सकती है.
आपको बता दें कि एटीएंडटी और वेरिजोन कंपनी इसी सप्ताह से अपना 5जी नेटवर्क रॉल आएट करने वाली थीं, लेकिन पता चला कि ये कंपनियां अपने 5जी नेटवर्क के लिए अल्टीमीटर में इस्तेमाल होने वाले रेडियो स्पेक्ट्रम के काफी करीब वाले स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करती हैं.
अल्टीमीटर के जरिये विमान और धरती के बीच की दूरी को मापा जाता है. ऐसे में विमान और धरती की सटीक ऊंचाई मापने में दिक्कत आ रही है.
5G के C बैंड की रेंज 3.7 से 3.98GHz होती है और अल्टीमीटर 4.2 से 4.4GHz की रेंज में काम करता है. ऐसे में 5जी के बैंड की फ्रीक्वेंसी और अल्टीमीटर रेडियो की फ्रीक्वेंसी काफी करीब हो रही है, जो विमानन कंपनियों की सबसे बड़ी चिंता है.
5जी में इस्तेमाल होने वाले C बैंड की फ्रीक्वेंसी के कारण वे सभी उपकरण काम करना बंद हो सकते हैं, जो विमान की ऊंचाई बताते हैं. इसके अलावा नेविगेशन सिस्टम भी फेल हो सकता है.
विमानन कंपनियों ने कहा है कि हवाई अड्डे के रनवे के दो मील के दायरे को छोड़ कर किसी भी इलाके में 5जी इंटरनेट सेवा बहाल की जा सकती है.