आज की सभा का संचालन मालदा जिला तृणमूल अध्यक्ष मोअज्जम हुसैन ही कर रहे थे. कर्मी सम्मेलन होते ही पूर्व मंत्री व तृणमूल के वरिष्ठ नेता कृष्णेंदु चौधरी व सावित्री मित्रा पहुंचे. सभा के अंत तक विधायक व नगरपालिका चेयरमैन निहार घोष व उनके समर्थक नहीं आये. ओल्ड मालदा नगरपालिका के चेयरमैन कार्तिक घोष भी अनुपस्थित थे. पूर्वमंत्री कृष्णेंदु चौधरी ने अपना संबोधन ही विवाद से शुरू किया. उन्होंने कहा कि जिले में कुल 12 विधानसभा केंद्र है. बीते विधान सभा चुनाव में तृणमूल को 12 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. इस हार के लिये जिला तृणमूल स्वयं जिम्मेदार है. एक पार्टी को छोड़कर तृणमूल में शामिल होने वाले सुविधावादी लोगों के अनुसार पार्टी की नीति तय करना बंद होना चाहिए. उन्होंने बाहरी लोगों को तृणमूल में शामिल करना बंद करने की मांग की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इनती कोशिशों के बाद भी पार्टी जिले में आगे नहीं बढ़ पा रही है, जिला नेतृत्व को इस विषय पर ध्यान देना चाहिए. राज्य की पूर्वमंत्री सावित्री मित्रा का समर्थन करते हुए श्री चौधरी ने आगे कहा कि मालदा जिले में तृणमूल बंट गयी है. तृणमूल में पार्टी के पुराने व विश्वस्थ नेता व कार्यकर्ता हैं. उसके बाद भी एक नया लाल तृणमूल ने जन्म लिया है. इस लाल तृणमूल का कुछ सुविधावादी लोग समर्थक हैं.
तृणमूल के वरिष्ट व राज्य के पूर्वमंत्री सावित्री मित्रा व कृष्णेंदु चौधरी को मंच पर बुलाने के पहले ब्लॉक स्तर के कुछ नेताओं को भाषण के लिये आने की घोषणा बार-बार जिलाध्यक्ष मोअज्जम हुसैन कर रहे थे. थोड़ी देर इंतजार करने के बाद गुस्से से तमतमाये कृष्णेंदु चौधरी ने मोअज्जम हुसैन से कहा कि इस सभा में जिला कोर कमिटी के सदस्यों की हैसियत से बुलाया गया है. वक्तब्य देने के लिये आपसे इजाजत लेनी होगी. कृष्णेंदु चौधरी के इस प्रहार का कोई जवाब मोअज्जम हुसैन के पास नहीं दिखा.
कर्मी सभा में अनुपस्थित होने के संबंध में विधायक सह नगरपालिका चेयरमैन निहार घोष ने बताया कि विधानसभा का सत्र जारी होने की वजह से वह कोलकाता में है. कर्मी सम्मेलन सफल बनाना हमारा दायित्व है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर हम सभी सैनिक के रुप में काम करते हैं. किसने क्या कहा इससे उनका कुछ नहीं बिगड़ता है.