वह परिवार में इकलौती बेटी है. वह प्रतिदिन आठ-नौ घंटे पढ़ाई करती थी. नौ शिक्षक उसे ट्यूशन पढ़ाने आते थे. केमेस्ट्री उसका सबसे पसंदीदा विषय है. माध्यमिक परीक्षा के एक महीने पहले से ही अपने आप को घर में बंद कर लिया था. वह पूरे समय पढ़ाई करती थी. बांग्ला क्लासिकल तथा आधुनिक गान सुनना उसे पसंद है. चन्द्राणी ने टेस्ट परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक हासिल किया था. खेल-कूद के प्रति उसकी कोई रूचि नहीं है.
उसे सरलक होम्स का उपन्यास काफी पसंद है. पिता गोपाल कर्मकार का कहना है कि उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी है. मां ने भी पढ़ाई में काफी हाथ बंटाया है. ट्यूशन पढ़ाने के लिए सभी शिक्षक घर में ही आते थे.जलपाईगुड़ी के आशा लता बसु स्कूल की छात्रा अन्वेषा दास ने माध्यमिक परीक्षा में 683 अंक लेकर राज्य में प्रथम 10 में अपना स्थान बना लिया है. अन्वेषा मेधा तालिका में आठवें स्थान पर है. पिता अभिजीत दास एलआइसी में अधिकारी हैं, जबकि मां काकुली दास प्राथमिक शिक्षिका हैं. बेटी की इस सफलता से परिवार के ही लोग नहीं, बल्कि आसपास के लोग भी काफी खुश हैं. अन्वेषा के घर में आज बधाई देने वालों का तांता लग गया. आशा लता बसु स्कूल इंगलिश मेडियम स्कूल है. अन्वेषा ने पढ़ाई के दौरान ही माध्यमिक परीक्षा में अच्छी सफलता हासिल करने की बात कही थी. शनिवार को परीक्षा परिणाम घोषित होते ही अन्वेषा की यह बात सच साबित हुई. अन्वेषा ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता तथा पिता को दिया है. उसका कहना है कि पिता अभिजीत दास तथा मां काकुली दास घर में उनकी पढ़ाई कराते हैं. पिता अभिजीत दास के पास स्वयं रसायन शास्त्र में मास्टर की डिग्री है. अन्वेषा बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है. बायोलॉजी उसका सबसे पसंदीदा विषय है.
उसका कहना है कि पिताजी उसे रसायन पढ़ाते थे और एवं मां गणित पढ़ाती है. वह छह प्राइवेट ट्यूशन भी पढ़ती थी. अन्वेषा को चित्र बनाना बेहद पसंद है. वह जासुसी कहानियां भी पढ़ती है. हिन्दी सीरियलों से उसका काफी लगाव है. बांग्ला टीवी वह नहीं देखती. बांगला चैनल में वह सिर्फ समाचार देखती है. वह कत्थक नाच सीख रही है. खेलने-कूदने में उसकी कोई रूचि नहीं है. उसका कहना है कि परीक्षा की वजह से वह पिछले कुछ महीनों से टीवी आदि नहीं देख पा रही थी. बेटी की सफलता के बाद माता-पिता ने यहां मिठाइयां बंटवायी.