बीते वर्ष 16 अगस्त के दिन मेखलीगंज बाजार में विधायक ने अपने सौ से भी अधिक लोगों के साथ उनके जेठ और पति कनक चंद्र वर्मन पर सरेआम जानलेवा हमला किया . तीन दिन बाद 19 अगस्त को उन्होंने दम तोड़ दिया. बेबी ने इस वारदात के विरोध में विधायक समेत उनके सौ लोगों के नाम से मेखलीगंज थाने में शिकायत दर्ज करायी. कनक चंद्र ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके बाद पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया और 22 आरोपियों ने आत्मसमर्पण किया. सभी को बाद में जमानत मिल गयी.
पुलिस का हाथ आजतक उनके भाई के हत्या का मुख्य आरोपी विधायक तक नहीं पहुंच सका. अन्य आरोपी भी बेधड़क घूम रहे हैं. विधायक अब उनके परिवार पर केस वापस लेने के लिए दबाव दे रहे हैं और तरह-तरह से धमकी भी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इंसाफ के लिए उन लोगों ने ममता सरकार में उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष से भी फरियाद लगायी थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. केशव के परिवारवालों ने आज मीडिया के मारफत एकबार फिर इंसाफ की गुहार शासन-प्रशासन से लगायी है.