इस बात की जानकारी स्थानीय श्रीरामपुर नगरपालिका के पार्षद और सीटू नेता सुमंगल सिंह ने दी. उन्होंने आंदोलन के बारे में बताया कि लगभग 15 महीना पहले पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान मिल के उत्पादित माल की बाजार में मांग नहीं है. ऐसा बता कर तांतघर में कुछ मजदूरों को काम देने से प्रबंधन ने मना कर दिया था.
इसे लेकर उस विभाग के मजदूर अपनी मजबूरी बताने लेबर अफसर के पास गये थे कि अगर वे काम नही करेंगे, तो उनके परिवार की जीविका कैसे चलेगी. इसी दौरान तत्कालीन लेबर अफसर किसी तरह गिर गये. उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया. घटना के कई घंटे बाद प्रबंधन ने इस विभाग के 11 मजदूरों को गेट बाहर करने का नोटिस जारी कर इस आंदोलन के लिए जिम्मेवार ठहराया था.
उन्हीं मजदूरों को काम पर वापस लेने के लिए यह आंदोलन शुरू हुआ है. आज धरना मंच से श्रीरामपुर के पूर्व सांसद और बंगाल चटकल मजदूर यूनियन के नेता शांतश्री चटर्जी, त्रिथंकर राय, एटक के लाल सिंह और इंटक के देबू घोष सहित अन्य कई नेताओं ने मजदूरों के पक्ष में बात कही और प्रबंधन से उन्हें फिर से काम पर लेने की अपील की. मिल से जिन 11 श्रमिकों को काम से हटाया गया है, उनके नाम सरोज साव, राजू दास, दिलीप राजभर, अख्तर हुसैन, मोहम्मद इजाजुद्दीन, अनिल तांती, दीपक साव, तपेश्वर राय, मोहम्मद सकील, हरि किशन और मोहम्मद सकील (नंबर दो) शामिल हैं. प्रबंधन ने मिल के बाहर आंदोलन के कारण मिल के अंदर कोई विद्रोह न हो, इसे लेकर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गयी है.