इसका विरोध करने पर निगम में शिक्षा, खेल, संस्कृति विभाग के मेयर परिषद सदस्य (एमएमआइसी) शंकर घोष समेत अन्य निगम कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की की गयी. आरोप है कि नाच-गाने में मदमस्त युवक इन सभी के साथ भिड़ गए और गाली-गलौज की. बाद में सिलीगुड़ी थाना के इंस्पेक्टर देवाशीष बोस खुद दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे. पुलिस ने डीजे जबरन बंद करवाकर सभी को बाघाजतीन पार्क से बाहर खदेड़ा और तनावपूर्ण माहौल को नियंत्रित किया. सोमवार को शंकर घोष ने निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य को भी पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी दी. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार चाकूपट्टी इलाके के कुछ लड़के अचानक रात को बाघाजतीन पार्क में जोर की आवाज से डीजे बजाने लगे. कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया लेकिन लड़के नहीं माने. इसे लेकर स्थानीय लोगों और लड़कों के बीच तू-तू, मैं-मैं होने लगी. उसी दौरान निगम के एक कर्मचारी सुब्रत भद्र पार्क के सामने से गुजर रहे थे. घटना देख वह भी पार्क के भीतर गये.
उन्होंने भी पार्क के भीतर डीजे बजाने और नाचने-गाने का विरोध किया. साथ ही सभी को पार्क से बाहर निकलने को कहा. इतने में ही कुछ लड़कों ने उनको धक्का दे दिया. श्री भद्र के साथ आये और एक निगम कर्मचारी को भी उत्तेजित लड़कों ने नहीं बख्शा. बाद में सूचना मिलते ही एमएमआइसी शंकर घोष भी मौके पर पहुंचे. श्री घोष के साथ भी युवाओं ने धक्का-मुक्की की और गाली-गलौज किया. श्री घोष का कहना है कि बाघाजतीन पार्क आम लोगों के लिए ही है और इसकी सुरक्षा का दायित्व भी सबको ही लेना होगा. निगम केवल इसकी देखभाल करता है.
उन्होंने कहा कि एक निर्दिष्ट समय के लिए ही पार्क खोला जाता है. 24 घंटे के लिए नहीं. इस बाबत मेयर अशोक भट्टाचार्य का कहना है कि पार्क सभी के लिए है लेकिन गलत कार्यों के लिए नहीं. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं पहले भी घटित हुई है. पुलिस द्वारा सख्त कार्रवायी न करने से लोगों का मनोबल बढ़ रहा है. श्री भट्टाचार्य का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को कभी भी बरदाश्त नहीं किया जा सकता.