सिलीगुड़ी: तापमान बढ़ने के साथ ही सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में पेयजल का संकट दिखने लगा है. इस समस्या को देखकर आमलोगों में एक भय सा दिखने लगा है. पिछले 15 दिनों से सिलीगुड़ी नगर निगम का 31 नंबर वार्ड निर्जला है. वार्ड में उत्पन्न पेयजल की समस्या से इलाके के लोग बौखलाये हुए है. बुधवार सुबह टाइम नल में पानी न आने पर वार्डवासियों ने निगम के खिलाफ जमकर हल्ला बोला. प्राप्त जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी नगर निगम के 31 नंबर वार्डवासी पिछले 15 दिनों से पेयजल को तरस रहे हैं.
बुधवार को वार्डवासियों का धैर्य टूट गया. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार वार्ड के एक और दो नंबर रास्ता इलाके में पिछले 15 दिनों से पेयजल की समस्या है. इलाके के अधिकांश लोगों ने पेयजल का कनेक्शन ले रखा है. उसके बाद भी पानी को तरस रहे हैं. सड़क के किनारे लगे टाइम नल में कम ही सही पर पानी आ रहा था.
पिछले तीन दिनों से वह भी आना बंद हो गया. बुधवार की सुबह टाइम नल में पानी न आने से वार्ड वासियों का गुस्सा भड़क उठा. लोगों ने निगम के खिलाफ जम कर विरोध प्रदर्शन किया. इलाका वासियों का आरोप है पेयजल समस्या से वार्ड पार्षद और नगर निगम को कई बार अवगत कराये जाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुयी है. इलाके के लोग कुएं का पानी पीने को बाध्य हैं. अभी तो गरमी शुरु ही हुयी है. ऐसा ही चलता रहा तो आगामी दिनों में लोग पेयजल को तरस जायेगें. लगता है नगर निगम कान में तेल डालकर सो रहा है.
क्या कहती हैं वार्ड पार्षद
इधर, वार्ड पार्षद दीपा विश्वास ने पिछले 15 दिनों से पेयजल न मिलने की बात को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिन से पानी की गति कम है. वार्ड में पेयजल की थोड़ी समस्या है. वार्ड वासियों से मिली जानकारी के बाद निगम को इसकी जानकारी दे दी गयी है. पीएचइ को भी बता दिया गया है और समस्या को दूर करने के लिए काम जारी है.
क्या कहना है मेयर परिषद सदस्य का : सिलीगुड़ी नगर निगम के पेयजल आपूर्ति विभाग के मेयर परिषद सदस्य सरदेंदु चक्रवर्ती ने बताया कि वार्ड में पेयजल की समस्या है. समस्या समाधान के लिये पीएचइ कार्य कर रही है. उन्होंने आगे बताया निगम के तीस वार्डों में पेयजल मुहैया कराने के लिये बनायी गयी परियोजना अब पुरानी हो चुकी है. निगम में वार्डों की संख्या बढ़ कर अब 47है. पीएचइ सभी वार्डों को मांग के अनुसार पेयजल मुहैया नहीं करा पा रही है. सिलीगुड़ी में एक पेयजल परियोजना की सख्त आवश्यकता है. राज्य सरकार इस दिशा में कोई रुची नहीं ले रही है. सिलीगुड़ी के लिये तीन सौ करोड़ रूपये की पेयजल परियोजना अधर में लटका हुआ है. फिर भी निगम की माकपा बोर्ड उपलब्ध ढांचागत व्यवस्था में ही सभी वार्डों में पेयजल पहुंचाने के लिये प्रयासरत है.