मानवाधिकार सुरक्षा मंच के बैनर तले स्थानीय कचहरी रोड स्थित मुख्य डाकघर के सामने धरना-प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए विहिप के वरिष्ठ नेता व विभाग सह संघ प्रचारक कुलक्षेत्र प्रसाद अग्रवाल ने वामपंथियों को तल्ख तेवर दिखाया.
उनका कहना है कि वामपंथियों की हिटलरशाही अब बरदाश्त नहीं की जा सकती. केरल की वर्तमान परिस्थिति के तहत तत्काल प्रभाव से माकपा की सरकार हटाकर राष्ट्रपति शासन लागू करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 1969 से केरल में वामपंथियों ने स्वंयसेवकों की हत्या का जो सिलसिला शुरू किया वह अब-तक जारी है. उन्होंने वामपंथियों द्वारा अब-तक 272 से अधिक स्वंयसेवकों की हत्या करने का दावा किया. ताजा मामले में इस वर्ष नये साल के अवसर पर राष्ट्रवादी सात युवकों की नृशंस हत्या हुई. भगवान की नगरी माने जानेवाले केरल की धरती को हत्यारी वामपंथी देश के लिए मर मिटनेवाले स्वंयसेवकों के खून से सींच रही है.
वहीं वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांतीय महामंत्री कमल पुगलिया ने आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि केरल में अब-तक संघ से जुड़े कर्मियों की हत्या में 75 फीसदी हाथ लाल संत्रासवादी, वामपंथी व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की है. 18 फिसदी हत्याएं इस्लामिक मौलावादियों ने की, चार फीसदी हत्याओं में कांग्रेस और एक फीसदी हत्याओं में इसाई मिशनरियों का हाथ है. इसके अलावा भी अन्य मतावलंबियों के हाथों एक फीसदी हत्या की गयी है.
सुबह से दोपहर तक चले धरना-प्रदर्शन के दौरान विहिप के अनुप मंडल, संघ के जगदीश अग्रवाल, नरैन बैरा, एबीवीपी के अमिताभ चक्रवर्ती, वासदेव पाल व अन्य वक्ताओं ने अपना-अपना वक्तव्य रखा. धरना-प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारियों ने शहर में विशाल रैली निकाली. रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने जहां ‘हत्यारी माकपा की सरकार हटाओ, राष्ट्रपति शासन लगाओ’ का जोरदार नारा लगाया. इस मौके पर भाजपा की सिलीगुड़ी इकाई के अध्यक्ष प्रवीण सिंहल (अग्रवाल), महासचिव अभिजीत राय चौधरी, सचिव कन्हैया पाठक, युवा मोरचा के अध्यक्ष राज भट्टाचार्य के अलावा आरएसएस के विभिन्न विंग से जुड़े स्वंयसेवक, कार्यकर्ता व समर्थक भारी तादाद में शामिल हुए.