मालदा: बगैर सड़क बनाये ही अत्यधिक टोल टैक्स उगाही के खिलाफ गैर सरकारी बस मालिकों ने बृहस्पतिवार से बसों का चक्का जाम कर दिया. किसी भी रूट पर गैर सरकारी बस नहीं चल रही है, जिसकी वजह से आम यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बृहस्पतिवार सुबह से मालदा के वैष्णव […]
मालदा: बगैर सड़क बनाये ही अत्यधिक टोल टैक्स उगाही के खिलाफ गैर सरकारी बस मालिकों ने बृहस्पतिवार से बसों का चक्का जाम कर दिया. किसी भी रूट पर गैर सरकारी बस नहीं चल रही है, जिसकी वजह से आम यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बृहस्पतिवार सुबह से मालदा के वैष्णव नगर से गाजोल तक 34 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बस बंद का आह्वान किया गया है. इधर, जिला अधिकारी शरद द्विवेदी ने बताया है कि बुधवार की शाम गैर सरकारी बस मालिकों के संगठन के साथ उनकी एक बैठक हुई थी. तब बस बंद नहीं करने का निर्णय हुआ था. लगता है बस मालिकों ने प्रशासन के अनुरोध को नहीं माना है.
पूरे मामले की जानकारी राज्य सरकार तथा एनएचएआइ के अधिकारियों को दे दी गई है. गैर सरकारी बस मालिकों के संगठन का आरोप है कि मालदा में 50 किलोमीटर की दूरी पर ही टोल प्लाजा लगा दिये गये हैं. बस मालिकों से इन दोनों टोल प्लाजाओं पर हर दिन टोल टैक्स के रूप में मोटी रकम वसूली जाती है. एक टोल प्लाजा पर 185 तथा दूसरे टोल प्लाजा पर एक बार की आने के लिए 225 रुपये लिये जाते हैं. इस तरह से एक बस मालिक को एक दिन में आने-जाने के लिए 820 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. मालदा प्रोग्रेसिव बस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव विवेक दास का कहना है कि इतने अधिक दर पर टोल टैक्स चुकाना मुश्किल है.
एनएचएआइ इतना अधिक टोल टैक्स को लेकर कुछ भी नहीं कह रहे हैं. एनएचएआइ के वेबसाइट में प्रति किलोमीटर दो रुपये 20 पैसे की दर से टोल टैक्स लेने की बात कही गई है. लेकिन यहां उससे काफी अधिक पैसे लिये जाते हैं. एक तो सड़क की हालत खस्ता है, ऊपर से इतने अधिक टोल टैक्स की वजह से बस मालिक बस नहीं चला पा रहे हैं.
पहले एनएचएआइ को सड़क की पूरी मरम्मत करा देनी चाहिए थी. श्री दास ने आगे कहा कि इस मांग को लेकर पिछले पांच महीने से वह सभी आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन एनएचएआइ ने समस्या को दूर करने के प्रति कोई पहल नहीं दिखायी. बाध्य होकर 16 एवं 17 फरवरी को बस बंद रखने का निर्णय लिया गया. मालदा बस एवं मिनी बस ओनर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष काजल राय ने कहा है कि उनके इस आंदोलन को उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर तथा दार्जिलिंग जिले के बस मालिकों ने भी समर्थन किया है. इन दिनों की बसें मालदा नहीं आयेंगी. दो दिनों के बंद के बाद भी समस्या का कोई हल नहीं निकला, तो वह लोग और भी जोरदार आंदोलन करेंगे.