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भाजपा केंद्रीय नेतृत्व गोरखालैंड के साथ : विमो
लेकिन राज्य नेतृत्व कर रहा है तीखा विरोध सभी दलों के बंगाल के नेता अलग राज्य के खिलाफ दार्जिलिंग. गोरखालैंड की मांग को लेकर गोजमुमो पूरी तरह ईमानदार है. यह दावा है उसके अनुषंगी संगठन गोर्खा जन मुक्ति विद्यार्थी मोरचा (विमो) का. दार्जिलिंग प्रेस गिल्ड में पत्रकारों को संबोधित करते हुए विमो के केन्द्रीय प्रवक्ता […]
लेकिन राज्य नेतृत्व कर रहा है तीखा विरोध
सभी दलों के बंगाल के नेता अलग राज्य के खिलाफ
दार्जिलिंग. गोरखालैंड की मांग को लेकर गोजमुमो पूरी तरह ईमानदार है. यह दावा है उसके अनुषंगी संगठन गोर्खा जन मुक्ति विद्यार्थी मोरचा (विमो) का. दार्जिलिंग प्रेस गिल्ड में पत्रकारों को संबोधित करते हुए विमो के केन्द्रीय प्रवक्ता संदीप छेत्री ने यह भी कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गोरखालैंड के पक्ष में है. लेकिन किसी भी राजनीतिक दल के बंगाल के नेता-कार्यकर्ता गोरखालैंड गठन के पक्ष में नहीं हैं. श्री छेत्री ने कहा कि माकपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने भी गोरखालैंड की मांग का विरोध किया है.
वर्तमान मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी भी जान देंगे, परंतु बंगाल विभाजन होने नहीं देंगे की बात कहते आ रही हैं. इसी तरह से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष व राहुल सिन्हा भी गोरखालैंड का खूब विरोध करते आ रहे हैं, लेकिन भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व हमारी मांग के साथ है.
भाजपा के केन्द्रीय नेता एवं दार्जिलिंग के सांसद सुरेंद्र सिंह अहलुवालिया ने गोरखालैंड का समर्थन किया है. इसी तरह से भाजपा के कई अन्य केंद्रीय नेता जैसे लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, राजीव प्रताप रूढ़ी आदि ने गोरखालैंड के समर्थन में खुलकर बोला है. श्री छेत्री ने कहा कि बंगाल के राजनीतिक नेताओं में राजनीतिक मतभेद हो सकता है, राजनीतिक लड़ाई भी हो सकती है, परंतु गोरखालैंड के विरोध में सभी एकजुट हो जाते हैं. उन्होंने सवाल किया कि गोरखालैंड के पक्षधर राजनीतिक दल इसी तरह एकजुट क्यों नहीं हो सकते.
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