यह देख-सुन मंत्री का दिमाग ठनक गया और उन्होंने नुर अली से पूरी समस्या सुनी. आवश्यक दस्तावेज उनके कार्यालय जमा देने और मामले को गंभीरता से लेने के साथ इंसाफ देने का आश्वासन दिया. इस दौरान दुखी नुर अली ने मीडिया को बताया कि उनका बजरी और बालू का कोराबार बीते आठ महीने से ठप्प पड़ा है. वजह आठ महीने से सरकार इसके लिए टेंडर जारी नहीं कर रही. महानंदा नदी के चूनाभट्टी घाट पर उनकी जमीन कुछ असामाजिक तत्वों ने जबरन दखल कर अवैध तरीके से अपना कारोबार कर रहे है.
इसका विरोध करने पर उल्टा जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. पुलिस में उनके विरूद्ध मामला दायर करने के बावूजद पुलिस उन आरोपियों के विरूद्ध कार्रवायी करने से कतरा रही है. उनका हौसला दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. उनका और पूरे परिवार का ही अपने घर में भी रहना मुश्किल हो गया है. वहीं, उन्होंने मंत्री के व्यवहार पर भी सवाल उठाया. नुर अली के घर में उनकी पत्नी मालाकार खातून, एक बेटी फूलजान खातून व एक लड़का महबूब आलम है. बड़ी चार बेटियों की पहले ही शादी हो चुकी है. इस बाबत मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री गौतम देव ने कहा कि वह एक जनप्रतिनिधि हैं. किसी भी तरह की समस्या को लेकर कोई भी उनसे मुलाकात कर सकता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जब-तब कोई भी घर पर आ जाये.