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जीवित नवजात को मृत बताकर प्लास्टिक में पैक कर दिया

सिलीगुड़ी. जीवित नवजात को आनन-फानन में मृत बता देने की सिलीगुड़ी जिला अस्पताल की लापरवाही का खमियाजा उसके परिवार को चुकाना पड़ा है. सोमवार की दोपहर को प्रसव के बाद सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के चिकित्सा कर्मचारियों ने नवजात को मृत बताकर प्लास्टिक में पैक कर परिजनों को सौंप दिया था. हालांकि नवजात में हुई हलचल […]

सिलीगुड़ी. जीवित नवजात को आनन-फानन में मृत बता देने की सिलीगुड़ी जिला अस्पताल की लापरवाही का खमियाजा उसके परिवार को चुकाना पड़ा है. सोमवार की दोपहर को प्रसव के बाद सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के चिकित्सा कर्मचारियों ने नवजात को मृत बताकर प्लास्टिक में पैक कर परिजनों को सौंप दिया था. हालांकि नवजात में हुई हलचल के बाद वापस उसे अस्पताल के सिक न्यू-बॉर्न बेबी केयर यूनिट में भर कराया गया. लेकिन मंगलवार की सुबह शिशु की मौत हो गयी. बच्चे की मौत की खबर सुनते ही पीड़ित परिवार का गुस्सा फूट पड़ा.

उन्होंने अस्पताल अधीक्षक कार्यालय का घेराव करने का निर्णय लिया. घटना की खबर पाकर माकपा समर्थित छात्र संगठन डीवाइएफआइ भी मौके पर पहुंचा और पीड़ित परिवार के समर्थन में कार्यालय का घेराव किया. इसकी वजह से करीब आधे घंटे तक सिलीगुड़ी महकमा शासक हरिशंकर पणिक्कर अस्पताल अधीक्षक के कार्यालय में फंसे रहे. अस्पताल अधीक्षक अभिताभ मंडल ने एक कमेटी गठित कर जांच कराने का आश्वासन दिया है. पीड़ित परिवार ने आरोपी चिकित्सा कर्मचारियों को नौकरी से बरखास्त करने की मांग की है.

उल्लेखनीय है कि बीते रविवार को आसीघर इलाका निवासी विश्वजीत दास ने अपनी पत्नी डॉली को प्रसव के लिये सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भरती कराया. सोमवार को डॉली ने एक पुत्र को जन्म दिया. लेकिन लेबर रूम से निकलते ही अस्पताल कर्मचारियों ने नवजात को मृत करार देते हुए प्लास्टिक में पैक कर के परिजनों को सौंप दिया. नवजात की मौत की खबर सुनते ही मां अपना होश खो बैठी. अस्पताल परिसर में ही पूरा परिवार बिलख-बिलख कर रोने लगा. इसके बाद इसे अपना नसीब समझकर नवजात को पंचतत्व में मिलाने के लिए परिजनों ने कदम बढ़ाया. नवजात को लेकर परिजन अभी अस्पताल परिसर से निकले ही थे कि प्लास्टिक में कुछ हलचल हुई. परिजनों ने प्लास्टिक खोला तो पाया कि बच्चा सांस लेने के लिए छटपटा रहा है. इसके बाद परिजन नवजात को लेकर इमरजेंसी की तरफ भागे. इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक को स्थिति समझने में देर नहीं लगी और तुरंत ही नवजात को सिक न्यूबॉर्न बेबी केयर यूनिट में भरती किया. नवजात को भरती कराने के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाये और जमकर हंगामा किया.
सोमवार को इस घटना को लेकर सिलीगुड़ी जिला अस्पताल अधीक्षक अमिताभ मंडल व सिलीगुड़ी जिला अस्पताल रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन व सिलगुड़ी के पूर्व तृणमूल विधायक डॉ रुद्रनाथ भट्टाचार्य ने कहा था कि मामले की जांच करायी जायेगी. साथ ही नवजात की जिंदगी बचाने के लिये हर संभव प्रयास किया जायेगा. अभिताभ मंडल ने कहा था कि जन्म के समय नवजात का वजन सामान्य से काफी कम था.
मंगलवार की सुबह बच्चे की मौत की खबर सुनकर परिजन आगबबूला हो गये. इतने में बच्चे की मौत की खबर डीवाइएफआइ को भी मिली. डीवाइएफआइ के सैकड़ों सदस्य तत्काल सिलीगुड़ी जिला अस्पताल परिसर में उपस्थित हुए. इस दुखद घटना के लिये डीवाइएफआइ के सदस्यों ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी और घटना के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया.
इसके बाद पीड़ित परिवार और डीवाइएफआइ के सदस्यों ने सिलीगुड़ी जिला अस्पताल अधीक्षक कार्यालय का घेराव कर, स्पष्टीकरण मांगा. कार्यालय घेराव के समय अधीक्षक उपस्थित नहीं थे. बल्कि अधीक्षक से मुलाकात के लिए पहुंचे सिलीगुड़ी के महकमा अधिकारी हरिशंकर पणिक्कर इस विरोध प्रदर्शन में फंस गये. करीब आधे घंटे के बाद अधीक्षक कार्यालय में उपस्थित हुए. अधीक्षक को देखकर परिजनों का गुस्सा फूट परा. उनलोगों ने अधीक्षक से इस लापरवाही का जवाब कड़े स्वर में मांगा. इधर अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लेबर रूम में चिकित्सक की मौजूदगी के बिना ही डॉली का प्रसव कराया गया. इस प्रश्न को लेकर पीड़ित परिवार ने प्रबंधन से जवाब मांगा है.
सिलीगुड़ी जिला अस्पताल अधीक्षक अमिताभ मंडल ने कहा कि इस लापरवाही की जांच अवश्य करायी जायेगी. जांच के लिये एक कमिटी गठित किया जायेगा. कमिटी के रिपोर्ट के आधार पर दोषी अस्पताल कर्मचारियों के खिलाफ उपयुक्त कदम उठाया जायेगा.
सिलीगुड़ी अस्पताल अधीक्षक कार्यालय में उपस्थित सिलीगुड़ी महकमा शासक हरिशंकर पणिक्कर ने बताया कि पीड़ित परिवार के लिए यह काफी दुखद घटना है. घटना की जांच अवश्य करायी जायेगी. जांच में दोषी पाये जाने वाले अस्पताल कर्मचारियों के खिलाफ उपयुक्त कदम उठाया जायेगा. महकमा शासक ने अस्पताल प्रबंधन से घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी है.
सिलीगुड़ी जिला अस्पताल रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन व सिलीगुड़ी के पूर्व तृणमूल विधायक डॉ रुद्रनाथ भट्टाचार्य ने कहा कि कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से घटना घटी है. पीड़ित परिवार के लिये यह हादसा काफी दर्दनाक है. अधीक्षक की बातों को दुहराते हुए उन्होंने कहा कि इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक के साथ बात हुई है. घटना की जांच के लिए एक कमिटी गठित की जायेगी, और कमिटी की रिपोर्ट में दोषी पाये जाने वाले अस्पताल कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाये जायेंगे.

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