जलपाईगुड़ी. इस बार चाय उद्योग में बीते साल के 20 प्रतिशत से ज्यादा पूजा बोनस देना होगा. पूजा से तीन-चार सप्ताह पहले सभी को बोनस दे देना होगा. पूरा बोनस एक बार में देना होगा, किस्तों में नहीं. गुरुवार को डुवार्स के बानरहाट के तरुण संघ क्लब में आयोजित चाय श्रमिक यूनियनों के ज्वाइंट फोरम की बैठक के बाद फोरम के कन्वेनर जियाउर आलम ने यह बात कही.
श्री आलम ने कहा कि चाय उद्योग में बीते साल सालों से कोई नुकसान नहीं हुआ है. हर बार बोनस के समय बागान मालिक बाढ़, कीट-पतंग से नुकसान का बहाना बनाते हैं. इस बार यह सब नहीं चलेगा. पिछली बार 20 प्रतिशत बोनस दिया गया था. इस साल इससे ज्यादा बोनस पूजा के चार हफ्ते पहले एकमुश्त देना होगा.
जियाउर आलम ने कहा कि गुडरिक समूह डुवार्स छोड़ अपना व्यवसाय असम ले जाने की खबर मीडिया के जरिये दे रहा है. यह उचित नहीं होगा. चाय उद्योग में केंद्र और राज्य सरकारें एक दूसरे पर कीचड़ उछालने में व्यस्त हैं. लेकिन चाय बागानों को खुलवाने, न्यूनतम मजदूरी लागू करवाने, राशन का पैसा दिलवाने के लिए कुछ नहीं कर रही हैं. आगामी 24 अगस्त को उत्तर बंगाल की सभी चाय श्रमिक यूनियनों की सिलीगुड़ी में महारैली निकाली जायेगी.
बैठक के बाद कांग्रेस की यूनियन एनयूपीडब्लू के राज्य संयुक्त महासिचव मणिकुमार दार्नाल ने बताया कि इसी 9 अगस्त को कोलकाता में होनेवाली मिनिमम वेज बोर्ड की बैठक में चाय उद्योग मे न्यूनतम मजदूरी लागू करवाने के लिए दबाव बनाया जायेगा. पूजा बोनस के लिए कोलकाता में बैठक 20-21 अगस्त को है. इसमें इस बार 20 प्रतिशत से ज्यादा बोनस की मांग की जायेगी. बाढ़ का बहाना नहीं चलने वाला.