वहीं सिलीगुड़ी नगर निगम तथा महकमा परिषद इलाका विकास में पीछे रह गया है. उन्होंने नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य पर भी जमकर निशाना साधा था. इतना ही नहीं, श्री देव ने वाम मोरचा तथा कांग्रेस सहित अन्य पार्षदों के तृणमूल में आने की स्थिति में उनका स्वागत करने का ऐलान किया था. गौतम देव ने कहा था कि ममता बनर्जी के विकास कार्य को देखते हुए काफी संख्या में विरोधी दलों के नेता एवं समर्थक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं.
सिलीगुड़ी नगर निगम का भी यदि कोई पार्षद तृणमूल का समर्थन करे, तो उनका स्वागत है. गौतम देव के इस ऐलान के बाद माकपा नेताओं का पारा सातवे आसमान पर है. माकपा के जिला संयोजक जीवेश सरकार ने इस मुद्दे को लेकर गौतम देव पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि मंत्री गौतम देव दिवास्वप्न देख रहे हैं. उनका यह सपना कभी भी साकार नहीं होगा. अगर तृणमूल कांग्रेस का कोई नेता इस तरह के दावे करे, तो समझ में आता है.
गौतम देव तृणमूल नेता होने से पहले एक मंत्री हैं. एक मंत्री यदि विरोधी दलों के अधीन रहे नगरपालिका अथवा महकमा परिषद पर कब्जा करने की बात करे, तो यह एक तरह से संविधा का भी अपमान है. श्री सरकार ने आगे कहा कि मंत्री सिलीगुड़ी की जनता की राय का भी अनादर कर रहे हैं. उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि सिलीगुड़ी की जनता ने तृणमूल कांग्रेस को लगातार तीन चुनावों में हराया है. पहले नगर निगम चुनाव, फिर महकमा परिषद चुनाव और हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी है. उसके बाद भी यदि मंत्री नगर निगम तथा महकमा परिषद पर कब्जे की कोशिश करते हैं, तो यह एक तरह से जनमत का भी अनादर है. श्री सरकार ने साफ-साफ कहा कि सिलीगुड़ी की जनता ने पांच साल के लिए नगर निगम की सत्ता वाम मोरचा को सौंपी है और अशोक भट्टाचार्य पांच वर्षों तक मंत्री बने रहेंगे.