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डुवार्स के धरनीपुर चाय बागान में घटी घटना
दांतैल हाथी के हमले में मां-बेटी की स्थिति गंभीर जलपाईगुड़ी. हाथी के हमले से बचने के लिए घर छोड़कर भाग रही मां-बेटी अचानक हाथी के सामने आ गयीं और हाथी ने उन पर हमला बोल दिया. गंभीर रूप से घायल अवस्था में दोनों को सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भरती कराया गया […]
दांतैल हाथी के हमले में मां-बेटी की स्थिति गंभीर
जलपाईगुड़ी. हाथी के हमले से बचने के लिए घर छोड़कर भाग रही मां-बेटी अचानक हाथी के सामने आ गयीं और हाथी ने उन पर हमला बोल दिया. गंभीर रूप से घायल अवस्था में दोनों को सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भरती कराया गया है. घटना डुवार्स के धरनीपुर चाय बागान के बापाई लाइन की है.
शुक्रवार देर रात डायना जंगल से दो दंतैल हाथी धरनीपुर बागान में रेल लाइन से लगे बापाई लाइन में घुस आये. पूरी रात तांडव कर इन हाथियों ने तीन घरों को तोड़ डाला. तभी हाथी से बचने के लिए घर में मौजूद मां पूजा उरांव (30) अपनी छह महीने की बेटी अंकिता को लेकर बाहर भागने लगी. इसी दौरान मां-बेटी हाथी के सामने पड़ गयीं. हाथी ने मां को बेटी समेत सूंड़ से उठाकर पटक दिया. दोनों इससे बेहोश हो गयीं.
इधर हाथी ने तीन घरों को ढहाकर उनमें रखा चावल, गेहूं खा लिया. रात में ही दोनों हाथी जंगल लौट गये. हाथियों के जाने के बाद लोगों ने मां-बेटी को उठाकर स्थानीय अस्पताल पहुंचाया. लेकिन उनकी गंभीर स्थित को देखते हुए उन्हें उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जहां दोनों का इलाज चल रहा है. स्थानीय वाशिंदा राजू उरांव ने बताया, रात में ही वन विभाग को खबर दी गयी, लेकिन कोई आया नहीं. अगर रात को ही वनकर्मी पहुंच जाते तो शायद यह घटना नहीं होती.
डायना के रेंजर शुभाशिष चटर्जी ने बताया कि सुबह घटनास्थल पर जाकर हमने हालात का जायजा लिया है.रात में किसी ग्रामीण ने खबर नहीं दी. अगर खबर मिलती तो वनकर्मी जरूर घटनास्थल पर जाते. दोनों घायलों के इलाज का पूरा खर्च वन विभाग उठायेगा. साथ ही टूटे घरों के मुआवजे के लिए उच्च अधिकारियों को खबर दे दी गयी है.
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