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भारत का सबसे बड़ा पर्यटन हब होगा गाजोलडोबा
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के निकट गाजोलडोबा में 208 एकड़ जमीन पर बन रहा पर्यटन हब भारत का सबसे बड़ा पर्यटन हब होगा. जंगल सफारी को भी इस पर्यटन हब के साथ मिलाया जा रहा है और इसके विकास में करीब तीन हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. पहले चरण का काम पूरा हो गया है और अगले […]
सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी के निकट गाजोलडोबा में 208 एकड़ जमीन पर बन रहा पर्यटन हब भारत का सबसे बड़ा पर्यटन हब होगा. जंगल सफारी को भी इस पर्यटन हब के साथ मिलाया जा रहा है और इसके विकास में करीब तीन हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. पहले चरण का काम पूरा हो गया है और अगले चरण के काम के लिए निविदा जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह बातें राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने कही.
वह शुक्रवार को पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक सी मुरगन, जलपाईगुड़ी के जिला अधिकारी मुक्ता आर्य, सिलीगुड़ी की पुलिस कमिश्नर सीएस लेप्चा तथा पर्यटन विभाग के निदेशक सुनील अग्रवाल को लेकर गाजोलडोबा के दौरे पर निकल थे. बाद में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि गाजोलडोबा में ही 80 एकड़ जमीन पर गोल्फ कोर्स का निर्माण होगा. गोल्फरों को रहने के लिए यहां विला आदि भी बनाये जायेंगे.
पर्यटकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सभी उपाय किये जा रहे है. पर्यटकों की सुरक्षा के खास इंतजाम किये जायेंगे. जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा पुलिस आउटपोस्ट की भी यहां स्थापना की जायेगी. इसके साथ ही उन्होंने गाजोलडोबा परियोजना के नाम बदलने की भी घोषणा की. अब गाजोलडोबा पर्यटन हब का नाम ‘भोरेर आलो’ होगा.
श्री देव ने कहा कि इस पर्यटन हब को बंगाल सफारी से जोड़ देने के बाद यहां आने वाले पर्यटक यहीं से बंगाल सफारी जा सकेंगे. पर्यटकों के आकर्षण के लिए तरह-तरह के जंगली जानवर के साथ-साथ हाथियों के भी रखने की व्यवस्था यहां की जा रही है. कुल 22 किलोमीटर क्षेत्र में पर्यटक पर्यटन का आनंद उठा सकते हैं. हाथियों की रखने की व्यवस्था यहां विशेष रूप से की जा रही है.
जहां हाथी रखे जायेंगे, वहां पानी की भी विशेष व्यवस्था की जा रही है. पर्यटक हाथी को सूड़ से नहाते भी देख सकेंगे. उन्होंने आगे कहा कि राज्य पीडब्ल्यूडी विभाग, सिंचाई विभाग तथा रेलवे से बातचीत कर इस परियोजना के काम को आगे बढ़ाया जा रहा है. पूरा इलाका वाई-फाई जोन होगा. पर्यटकों को इंटरनेट की सुविधा देने के लिए मोबाइल टावर लगाये जायेंगे. इसके लिए बीएसएनएल के साथ ही कुछ गैर सरकारी कंपनियों से भी बातचीत चल रही है.
पर्यावरण के नाम पर नहीं चलेगी ब्लेकमेलिंग
पर्यावरण के नाम पर यदि कुछ लोग इस परियोजना में अड़ंगा लगाने की कोशिश करेंगे तो सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी. पर्यटन मंत्री गौतम देव ने कहा कि पर्यटन के नाम पर कुछ लोग सरकार को ब्लेकमेलिंग की कोशिश कर रहे हैं. मुकदमा करने की धमकी दी जा रही है. कानूनी पचड़े डालकर कुछ लोग काम को रूकवाने में लगे हुए हैं. श्री देव ने साफ-साफ कहा कि सरकार पूरे परियोजना के दौरान पर्यावरण सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग से इसके लिए एनओसी भी लिया गया है. परियोजना के बन जाने का लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा. युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे तथा व्यवसाय में भी वृद्धि होगी.
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