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विद्यार्थियों का अनशन जारी

मालदा : मान्यता देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर गनीखान चौधरी इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के विद्यार्थी आमरण अनशन पर बैठ गये हैं. यह लोग इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय को मान्यता देने के साथ-साथ पढ़ाई के लिए आवश्यक ढांचागत सुविधाओं की विकास की मांग कर रहे हैं. इससे पहले 10 मई को मालदा के इंगलिश बाजार ब्लॉक के लक्ष्मीपुर […]

मालदा : मान्यता देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर गनीखान चौधरी इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के विद्यार्थी आमरण अनशन पर बैठ गये हैं. यह लोग इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय को मान्यता देने के साथ-साथ पढ़ाई के लिए आवश्यक ढांचागत सुविधाओं की विकास की मांग कर रहे हैं. इससे पहले 10 मई को मालदा के इंगलिश बाजार ब्लॉक के लक्ष्मीपुर इलाके में स्थित गनीखान चौधरी इंस्टीच्यूट ऑफ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी (जीकेसीआइइटी) के छात्र आंदोलन पर उतरे थे.
इन लोगों ने कॉलेज में ताला बंद कर विरोध प्रदर्शन किया था. उसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं होने पर यह सभी अब अनशन पर बैठ गये हैं. हालांकि मालदा के जिला शासक शरद द्विवेदी ने मामले को देखने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा है कि अनशन कर रहे छात्र-छात्राओं से आंदोलन खत्म करने के लिए उनको समझाने की कोशिश की जायेगी.
इस बीच, जीकेसीआइइटी के चेयरमैन अरदेन्दु दे राज्य से बाहर गये हुए हैं. उनसे कोशिश करने के बाद भी फोन पर संपर्क नहीं हो सका. हालांकि वह कुछ दिनों पहले यहां आये थे. तब विद्यार्थियों ने उनका घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया था. उन्होंने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था. विद्यार्थियों का आरोप है कि आश्वासन देने के बाद भी चेयरमैन समस्या के समाधान की दिशा में कुछ भी नहीं कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने किया था शिलान्यास, राष्ट्रपति ने उद्घाटन
उल्लेखनीय है कि 16 मार्च 2013 को इस विश्वविद्यालय का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया था. इस मौके पर यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी उपस्थित थी. शिलान्यास समारोह में तत्कालीन केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री पल्लम राजू भी उपस्थित थे. ओल्ड मालदा थाना अंतर्गत नारायणपुर में 100 बीघा जमीन पर इस विश्वविद्यालय के एकेडमिक ब्लॉक का निर्माण हुआ. इसका उद्घाटन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी कर गये थे. अभी भी यहां भवन निर्माण का काम चल रहा है.
720 बच्चों का भविष्य अंधकारमय
कुल 13 इंजीनियरिंग कोर्स में 720 बच्चों ने यहां दाखिला लिया है. आंदोलनकारियों का आरोप है कि दो वर्षीय बीटेक कोर्स करीब-करीब खत्म होने को है. मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल तथा फूड टेक्नोलॉजी कोर्स में 90 बच्चे हैं. अगस्त महीने में इनकी पढ़ाई खत्म हो जायेगी और यहां से निकल जायेंगे. मान्यता नहीं होने की वजह से विश्वविद्यालय की ओर से इन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा.
ऐसे में दो साल की पढ़ाई करने का क्या लाभ हुआ. विद्यार्थियों में रश्मि दास, मेघाली बेरारा, शिखा विश्वास, आलमगिर शेख, पिंकी महतो आदि ने बताया है कि अगस्त में उनकी पढ़ाई खत्म हो जायेगी. अब पता चला है कि इस विश्वविद्यालय को अब तक मान्यता नहीं मिली है, जिसकी वजह से किसी को प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा. इन विद्यार्थियों ने कहा कि जब तक समस्या का समाधान नहीं होता, तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा.
क्या कहते हैं निदेशक : इधर, जीकेसीआइइटी के निदेशक आलोक दे ने बताया है कि मान्यता की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मौलाना अब्दुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से संपर्क साधा गया है. वह लोग कुछ कागजातों की मांग कर रहे हैं. आवश्यक दस्तावेज उन्हें दिये जा रहे हैं. उम्मीद है कि शीघ्र ही समस्या का समाधान हो जायेगा.

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