सिलीगुड़ी : राज्य विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होते ही ई-रिक्शा (टोटो) पर लगाम कसने की तैयारी की जा रही है. केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित 24 कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों द्वारा निर्मित टोटो को अवैध करार दिया जायेगा. इसके अतिरिक्त सभी वैध टोटो का रूट निर्धारित कर मोटर व्हीकल कानून के तहत नंबर प्लेट और कागजात मुहैया कराये जायेंगे. राष्ट्रीय राजमार्ग और रूट से अलग सड़क पर पकड़े जानेवाले टोटो पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा.
रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदकों में से सर्वप्रथम 50 प्रतिशत को अनुमति प्रदान कर कागजात व नंबर प्लेट मुहैया करायी जायेगी. इसके बाद अन्य आवेदकों पर विचार किया जायेगा. पूरे राज्य में अभी बिना रजिस्ट्रेशन के ही टोटो चल रहे हैं.
कुछ शहरों के स्थानीय प्रशासन द्वारा अस्थायी रूप से टोटो चालकों को पहचान पत्र या लाइसेंस भी मुहैया कराया गया है. अब नगरपालिका जैसे स्थानीय प्रशासन इस तरह के लाइसेंस मुहैया करा सकेंगे या नहीं, यह एक बड़ा प्रश्न है. सिलीगुड़ी में बारह सौ के करीब गैरकानूनी टोटो सड़क पर उतरे हुए हैं.
इनका ना तो कोई रूट है और ना ही चालकों का लाइसेंस. एमवीआई अधिकारियों का कहना है कि टोटो को किस आधार पर जब्त किया जाये, टोटो अब तक मोटर व्हीकल कानून के दायरे में आया ही नहीं है. टोटो चालक अपनी मरजी के अनुसार जहां-तहां स्टैंड बना लेते हैं. हाइवे पर भी बिना किसी रोक-टोक के टोटो दौड़ रहे हैं. शहर की मुख्य सड़कों पर इनकी वजह से जाम की समस्या गहरा रही है. कुछ माह पहले रजिस्ट्रेशन के लिए करीब चार हजार आवेदन पत्र लिये गये थे. लेकिन अब तक रजिस्ट्रेशन जारी नहीं किया गया.
दार्जिलिंग जिला शासक अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद इस विषय पर विचार किया जायेगा. जिला परिवहन बोर्ड के सदस्य मदन भट्टाचार्य ने कहा कि सभी गैरकानूनी टोटो पर पाबंदी लगा दी जायेगी. इनका रूट निर्धारण कर मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत लाया जायेगा. एक टोटो में चार यात्री और चालीस किलो अधिक सामान पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी. सिलीगुड़ी के अतिरिक्त कूचबिहार में सात हजार, अलीपुरद्वार में पांच सौ, जलपाईगुड़ी में करीब एक हजार, दक्षिण दिनाजपुर में करीब 6 हजार, इसके अलावा मालदा, उत्तर दिनाजपुर आदि में गैरकानूनी टोटो सड़क पर दौड़ रहे हैं.
आरोप है कि सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोग रुपये लेकर टोटो पर नंबर लगाकर एक सिंडीकेट राज कायम कर रहे हैं. जलपाईगुड़ी नगरपालिका की ओर से नंबर देकर टोटो पर नियंत्रण लाने की कोशिश की गयी है. इसके अतिरिक्त अलीपुरद्वार नगरपालिका पर आरोप है कि एक हजार रुपये लेकर एक पहचान पत्र टोटो चालकों को वितरित किया गया है. नगरपालिका के चेयरमैन आशिष दत्त का कहना है कि जिला प्रशासन की अनुमति पर ही टोटो चालकों को पहचान पत्र दिया गया है.