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जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यालय पर मनमानी का आरोप

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यालय पर मनमानी करने का आरोप वाम समर्थक शिक्षकों ने लगाया है. उनका कहना है कि पिछले दो वर्षों से कार्यकारी कमिटी का गठन ना करके, शिक्षा कार्यालय अपने मनमुताबिक काम कर रहा है. इसकी वजह से सिलीगुड़ी के अंतर्गत प्राय: सभी विद्यालयों के कई काम रुके पड़े हैं. राज्य […]

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यालय पर मनमानी करने का आरोप वाम समर्थक शिक्षकों ने लगाया है. उनका कहना है कि पिछले दो वर्षों से कार्यकारी कमिटी का गठन ना करके, शिक्षा कार्यालय अपने मनमुताबिक काम कर रहा है. इसकी वजह से सिलीगुड़ी के अंतर्गत प्राय: सभी विद्यालयों के कई काम रुके पड़े हैं. राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस अपने राजनीतिक फायदे के लिये बोर्ड का गठन नहीं होने दे रही है.

वाम दल समर्थित शिक्षक समिति के दार्जिलिंग जिला सचिव नबो चंद्र देव ने बताया कि प्रत्येक जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से एक कमिटी का गठन किया जाता है जो शिक्षा जिला के सभी विद्यालयों में शिक्षा संबधी विषयों की निगरानी करती है. कमिटी विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति, प्रधानाचार्य की नियुक्ति, अवकाश प्राप्त शिक्षकों के कागजात एवं राशि भुगतान संबधी मामले, शिक्षकों के पीएफ लोन आदि विषयों को लेकर काम करती है. लेकिन पिछले दो वर्षों से इस कमिटी का गठन ही नहीं हुआ है. इसकी वजह से विद्यालयों एवं शिक्षकों के कई कार्य लटके हुए हैं. कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, तो कहीं प्रधान शिक्षक ही नहीं है. कई अवकाश प्राप्त शिक्षक ऐसे हैं जिनका पेंशन, पीएफ आदि का काम लटका हुआ है.

सिलीगुड़ी जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यालय के अंतर्गत कुल 339 प्राथमिक विद्यालय हैं. मिली जानकारी के मुताबिक प्रत्येक जिला शिक्षा कार्यालय में यह कमिटी प्रत्येक चार वर्ष के अंतराल पर बनायी जाती है. वर्ष 2010 में सिलीगुड़ी शिक्षा जिला कार्यालय में भी इस कमिटी का गठन किया गया था, लेकिन वर्ष 2014 में इस कमिटी की अवधि समाप्त होने के बाद फिर से इस कमिटी का गठन नहीं किया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस कमिटी में नगर निगम, महकमा परिषद व पंचायत समिति के दो-दो प्रतिनिधि, दो स्थानीय विधायक, शिक्षा विभाग से अवकाश प्राप्त तीन अधिकारी, जन शिक्षा प्रचार विभाग के तीन प्रतिनिधि, शिक्षक एसोसिएशन के तीन निर्वाचित सदस्य इसमें शामिल होते हैं. जिला शिक्षा कार्यालय के चेयरमैन, जिला विद्यालय निरीक्षक आदि मिलाकर कुल 22 सदस्यों की यह कमिटी होती है.

श्री देव ने आरोप लगाया कि राज्य की तृणमूल सरकार निरपेक्ष रूप से कोई काम करती ही नहीं है. उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम, महकमा परिषद, पंचायत समिति सभी में वाम का दखल है. ऐसे में अगर कमिटी का गठन किया जाए तो इनके प्रतिनिधियों को शामिल करना पड़ेगा. लेकिन तब तृणमूल अपनी मनमानी नहीं कर पायेगा. इसी वजह से इस कमिटी का गठन नहीं किया जा रहा है. उन्होंने सिलीगुड़ी शिक्षा जिला कार्यालय के चेयरमैन मुकुल कांति घोष पर आरोप लगाया कि पिछली बार कमिटी का गठन वर्ष 2010 में किया गया था, लेकिन इनके आने के बाद पिछले कुछ वर्षों से कमिटी की बैठक तक नहीं बुलायी गयी है. चेयरमैन अपनी मरजी से शिक्षकों का तबादला आदि काम किये जा रहे हैं.

कमिटी की अवधि समाप्त हुए दो वर्ष हो चुके हैं, लेकिन कमिटी गठन का कोई इरादा नहीं दिख रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक, कमिटी गठन के लिए राज्य शिक्षा विभाग के अनुमोदन की जरूरत होती है. राज्य शिक्षा विभाग के पास आवेदन किया जा चुका है, लेकिन अभी तक जवाब नहीं आया है. माना जा रहा है कि अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद ही कमिटी गठन की प्रक्रिया शुरू होगी.

इस संबध में तृणमूल शिक्षक समिति के अध्यक्ष दीपेश अधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह विभागीय विषय है एवं इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. सिलीगुड़ी जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यालय चेयरमैन मुकुल कांति घोष ने बताया कि पिछली कमिटी की अवधि समाप्त होने के बाद राज्य शिक्षा विभाग के पास कमिटी गठन हेतु आवेदन पत्र भेजा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. राज्य शिक्षा विभाग से कमिटी गठन का निर्देश आते ही कमिटी का गठन कर दिया जायेगा.

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