चारों वाहन के नीचे दबने से जख्मी हो गये. वन अधिकारी सुमिता घटक ने खबर की पुष्टि करते हुए कही कि जख्मी कर्मचारियों में हेड फॉरेस्ट गार्ड अब्दुल सामत की हालत काफी गंभीर है. लगातार मुंह से खून निकलने से उसे सिलीगुड़ी जिला अस्पताल से स्थानांतरित कर प्रधाननगर स्थित एक गैर-सरकारी अस्पताल में भरती कराया गया है. अब्दुल सामत कूचबिहार का रहनेवाला है. वहीं छाती पर गहरी चोट पहुंचने से वाहन चालक व मदारीहाट निवासी सैयदुल इस्लाम एवं दीपक धर का सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. अन्य एक कर्मचारी सर्व बहादूर छेत्री को आंशिक चोट पहुंचने की वजह से प्राथमिक उपचार के बाद हाथोंहाथ छोड़ दिया गया.
विदित हो कि बुधवार को सिलीगुड़ी के रिहायशी इलाके में निकले हाथी को सुकना स्थिन वन विभाग के अस्पताल में पूरी तरह स्वस्थ करने के 24 घंटे बाद गुरूवार को बिहड़ जंगल में छोड़ दिया गया था. इस जंगली हाथी के चिंघाड़ ने बुधवार को सिलीगुड़ी के लोगों की नींद उड़ा दी थी. हाथियों के झुंड से बिछुड़ कर यह हाथी जंगल से शहर में निकल आया था.
तड़के शहर में प्रवेश कर, रिहायशी इलाकों में हाथी घुमता रहा. इस दौरान हाथी को देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और लोगों से आतंकित होकर हाथी जिधर से भी गुजरा, तांडव मचाता चला गया. हाथी ने दर्जनों घर-दुकान उजाड़े दिये और सैकड़ों बाइक-कारों को कहीं पैर तले रौंद डाला, तो कहीं वाहनों को फूटबॉल की तरह हवा में उड़ा डाला था. कइ इलाकों के चार दिवारियों को भी तहस-नहस कर दिया था. बैकुंठपुर फॉरेस्ट डिवीजन के फाफड़ी जंगल से शहर में निकले हाथी ने करीब नौ घंटे तक तांडव मचाया था. हाथी को सबसे पहले भक्तिनगर थाना क्षेत्र के इस्टर्न बायपास के नरेश मोड़, चयनपाड़ा इलाके में देखा गया. इसके बाद वह एकटियासाल बाजार होते हुए शहर के 40 नंबर वार्ड के हैदरपाड़ा, अशरफनगर, अंचल मोड़ इस्कॉन मंदिर रोड होते हुए सुबह 10 बजे हार्ट ऑफ सिटी सेवक रोड चला आया था.