सिलीगुड़ी: दार्जिलिंग रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर से कह दिया है कि दार्जिलिंग पहाड़ के बिना बंगाल की कल्पना भी नहीं की जा सकती. पहाड़ से लेकर डुवार्स, डुवार्स से लेकर समुद्र तक बंगाल एक है और सबको यहां मिलजुल कर रहना होगा. ममता बनर्जी ने इस दौरान ना तो गोरखालैंड और ना ही गोरखालैंड राज्य बनाने की मांग को लेकर लड़ रही पार्टी गोजमुमो का नाम लिया.
उन्होंने यह साफ-साफ कह दिया कि पूरे उत्तर बंगाल के साथ ही दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र का भी विकास किया जायेगा. अगर किसी को कोई समस्या हो, तो वह वन बंगलो को जलाना छोड़कर बातचीत करें. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान बंगाल में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. कई वन बंगलो जला दिये गये. उनकी सरकार फिर से इन सभी का निर्माण करवा रही है. ममता बनर्जी यहां बंगाल सफारी पार्क के उदघाटन के बाद आम लोगों को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि वह जब से सत्ता में आयी हैं तब से राज्य का चौतरफा विकास कर रही हैं.
उत्तर बंगाल एवं पहाड़ के विकास की पहले उपेक्षा की जा रही थी. सत्ता में आने के बाद वह इस इलाके का विकास कर रही हैं. पहाड़ से उनका इतना अधिक लगाव है कि वह बार-बार दार्जिलिंग के दौरे पर आती हैं. पिछले साल भी उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती दार्जिलिंग में मनायी थी और इस बार भी वह दार्जिलिंग नेताजी जयंती मनाने के लिए जा रही हैं. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ममता बनर्जी ने पहाड़ के बिना बंगाल की कल्पना नहीं की जाने संबंधी बात कहकर गोजमुमो को साफ संकेत दे दिया है कि वह किसी भी कीमत पर अलग गोरखालैंड राज्य का निर्माण नहीं होने देंगी. इससे पहले भी वह कई मौकों पर गोजमुमो का नाम लिये बगैर इस तरह की चेतावनी दे चुकी हैं.
ममता बनर्जी ने लोगों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि सत्ता में आने के बाद से उन्होंने सिलीगुड़ी के निकट गाजलडोबा तथा पहाड़ पर लामाहाटा की खोज की है. यह दोनों ही स्थान तेजी से विकसित हो रहा है. उन्होंने एक साल के अंदर मिनी सचिवालय उत्तरकन्या का निर्माण करवाया और डेढ़ साल के अंदर गाजलडोबा को विकसित कर दिया. गाजलडोबा में इन दिनों तीन हजार करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाएं लगायी जा रही हैं. उनकी सरकार ने उत्तर बंगाल के सभी आठ जिलों को लेकर विकास का नया खाका तैयार किया है. सिलीगुड़ी के निकट एक नये शहर तीस्ता सिटी का विकास किया जा रहा है.
कुल 89 एकड़ भूमि पर इस शहर का निर्माण कराया जायेगा. ममता बनर्जी ने आगे कहा कि उनकी सरकार ढांचागत सुविधाओं के विकास पर काम कर रही है. यदि ढांचागत सुविधाओं का विकास नहीं हुआ, तो उद्योग-धंधे कहां से लगेंगे. उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों को कोसते हुए कहा कि उन लोगों ने उत्तर बंगाल के लिए कुछ नहीं किया. यदि वह एक साल के अंदर उत्तरकन्या का निर्माण करा सकती हैं, तो पहले की सरकारों ने ऐसा क्यों नहीं किया. इतने दिनों तक वह लोग क्या करते रहे. काम करने के लिए उनको किसने रोक रखा था.
इसके साथ ही ममता बनर्जी ने बंगाल सफारी पार्क का भी उदघाटन किया. ममता बनर्जी ने कहा कि बचपन में वह अफ्रीकन सफारी के बारे में सुना करती थी. अब उन्होंने स्वयं बंगाल सफारी का यहां निर्माण करा दिया है. नौ सौ एकड़ जमीन पर बने इस सफारी पार्क को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक तथा आम लोग आयेंगे. उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग का चिड़ियाखाना काफी प्रसिद्ध है. अब यह सफारी पार्क भी उसी तरह से प्रसिद्ध होगा. राज्य सरकार इसके निर्माण पर 250 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. इनमें से 80 करोड़ रुपये खर्च कर प्रारंभिक काम पूरा कर लिया गया है.
एक महीने की मुफ्त सैर: सफारी पार्क में घुमने आने वाले लोग एक महीने तक मुफ्त में सैर का मजा ले सकते हैं. यह घोषणा आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की. उदघाटन समारोह में शामिल होने वाले बच्चों को आज मुफ्त पास कर सफारी पार्क के सैर करायी जा रही थी. जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन की ओर से डीएम पृथा सरकार ने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री को दी. यह सुनते ही मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के साथ आने वाले माता-पिता कहां जायेंगे. उन्होंने उनके लिए भी आज मुफ्त में सैर कराने की हिदायत अधिकारियों को दी. उसके बाद उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि आज से एक महीने तक पार्क में आने के लिए किसी प्रकार की कोई शुल्क न ली जाये.
कंचनजंगा अवार्ड प्रदान किया: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज सफारी पार्क के उदघाटन समारोह के दौरान ही कुशान शेरपा तथा भारती घोष को कंचनजंगा अवार्ड प्रदान किया. यह पुरस्कार सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब की ओर से प्रदान किया जाता है. कुशान शेरपा पांच बार एवरेस्ट की चढ़ाई कर चुके हैं एवं भारती घोष टेबल टेनिस की जानी-मानी कोच है. इस अवसर पर सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब के अध्यक्ष प्रमोद गिरी, उपाध्यक्ष बैजू अग्रवाल तथा सचिव अंशुमन चक्रवर्ती भी उपस्थित थे. बाद में ममता बनर्जी के सामने ही खेल एवं युवा कल्याण मंत्री अरूप विश्वास ने इन तीनों पत्रकारों को भी सम्मानित किया.
पास रहकर भी दूर-दूर थे ममता-मुकुल: मुख्यमंत्री के उत्तर बंगाल दौरे के दौरान मुकुल राय भी उनके साथ हैं. कभी तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो की हैसियत रखने वाले मुकुल राय की ममता बनर्जी तथा पार्टी में कुछ महीनों के दौरान पूरी तरह से उपेक्षा कर दी थी. पिछले कुछ दिनों से मुकुल राय एक बार फिर से पार्टी में सक्रिय होने लगे हैं. ममता बनर्जी के आज के कार्यक्रम में मंच पर मुकुल राय भी थे, लेकिन वह ममता बनर्जी से काफी दूर बैठे थे. ममता बनर्जी के निकट खेल मंत्री अरूप विश्वास, मंत्री गौतम देव, सांसद अभिषेक बनर्जी को बैठने का मौका मिला था. हालांकि ममता बनर्जी जब जनसभा को संबोधित कर रही थीं तब उन्होंने अन्य मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ मुकुल राय का भी नाम लिया.