दार्जिलिंग : दार्जिलिंग डुवार्स यूनाइटेड डेवलेपमेंट फाउंडेशन के प्रमुख डॉक्टर महेंद्र पी लामा ने कहा कि अलग राज्य गोरखालैंड प्राप्ति के लिए उनके पास पांच फामरूले हैं. पहले फामरूले में सदन में गोरखालैंड पर प्रश्न करना है.
आज स्थानीय चौक बाजार के सुमेरू मंच में संगठन की जनसभा को संबोधित करते हुए महेंद्र पी लामा ने उक्त बातें कहीं. बाकी के फॉमरूले के बारे में उन्होंने कुछ खुलासा करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर सभी फामरूले उन्होंने कह दिये, तो उन पर साजिश रची जायेगी. उन्होंने कहा कि वह सांसद बनने के बाद बाकी के फॉमरूले का प्रयोग करेंगे.
डॉक्टर लामा ने कहा कि संगठन ने 25 सूत्री कार्यक्रम तैयार कर रखा है. पहली सूची में गोरखालैंड का गठन व इसके बाद गोरखा समुदाय की राष्ट्रीय पहचान व विकास का मुद्दा रखा गया है. उन्होंने कहा कि देश का सर्वशक्तिशाली स्थान संसद है. इसलिए सांसद बनने के बाद दार्जिलिंग और गोरखालैंड को लेकर क्या करना है, वह वे कर के दिखायेंगे. सांसद बनने के बाद भारत सरकार की सभी विकास योजनाओं को दार्जिलिंग में लागू करने का वादा उन्होंने किया.
उन्होंने कहा दार्जिलिंग के विकास के लिए सिर्फ राज्य सरकार की विकास योजना नहीं केंद्र सरकार की विकास योजनाओं की भी जरूरत है. दार्जिलिंग को नॉर्थ-इस्ट काउंसिल में शामिल करना जरूरी है, क्योंकि हिमालय क्षेत्र के दार्जिलिंग-डुवार्स को छोड़ कर बाकी सभी क्षेत्रों को राज्य का दर्जा मिल चुका है.
अगर नॉर्थ-इस्ट काउंसिल में दार्जिलिंग-डुवार्स को शामिल किया जाए तो यहां विकास की बरसात होगी. इसके अलावा यहां के लोगों को टैक्स भरना नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा कि जबतक संविधान की धारा 243 का संशोधन नहीं किया जायेगा, तबतक दार्जिलिंग में पंचायती राज का गठन मुश्किल है.
डॉक्टर लामा ने वादा किया कि वे सांसद बनने के बाद छह महीने के भीतर उक्त संविधान की धारा का संशोधन करेंगे. जनसभा में आर मोक्तान, भारती तामांग आदि ने अपना संभाषण प्रस्तुत किया.