सिलीगुड़ी: राज्य में शिक्षित बेरोजगार की संख्या बढ़ रही है. पीएचडी, एमए, इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर भी युवा बेरोजगार घर में बैठे हुये है. प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने के लिए आयोजित टीचर्स एलिजिब्लिटी टेस्ट (टेट) में 17 लाख परीक्षार्थी ने परीक्षा दिया था, लेकिन 17 हजार ही पास हुये.
एसएससी में पास छात्रों को ज्वानिंग लेटर नहीं मिला. टेट परीक्षा के लिए योग्यता 12 वीं पास थी. लेकिन पीएचडी, एमफील, पोस्ट ग्रेजुवेट उच्च शिक्षा की डिग्री प्राप्त करने वाले परीक्षा में बैठे थे, लेकिन पास नहीं हो पाये.
परीक्षार्थी की ओर से आरोप है कि परीक्षाफल में आर्थिक लेन-देन भी हुआ है. परिणाम से परीक्षार्थी खुश नहीं है. यह कहना है दार्जिलिंग जिला, डीवाईएफआई के जिला सचिव शंकर घोष का. उन्होंने बताया कि वें 16 लाख 83 हजार अनुत्रीर्ण परीक्षार्थी के लिए सड़क पर उतरेंगे और डीआई और प्राथमिक विद्यालय संसद के कार्यालय के सामने बुधवार को प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने एसएससी के चेयरमैन पर आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार ने योग्यता के अधार पर चेयरमैन की नियुक्ति नहीं की. पहली बार एक चेयरमैन 77 हजार के मोबाइल लेकर घूमते है. युवाओं को रोजगार के नाम पर गुमराह और भ्रमित कर रही है, तृणमूल सरकार.