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सबसे बड़े मत्स्य प्रजनन केंद्र का हाल-बेहाल

मालदा. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए जिल के सागरदीघी में बनाये गये मतस्य चास एवं प्रजनन केन्द्र की हालत इन दिनों काफी खराब है. यहां बुनियादी व्यवस्था तक नहीं है. स्थिति यह हो गई है कि करीब एक हजार बीघा क्षेत्र में फैला जलाशय भी एक तरह से कचरे में तब्दील हो गया […]

मालदा. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए जिल के सागरदीघी में बनाये गये मतस्य चास एवं प्रजनन केन्द्र की हालत इन दिनों काफी खराब है. यहां बुनियादी व्यवस्था तक नहीं है. स्थिति यह हो गई है कि करीब एक हजार बीघा क्षेत्र में फैला जलाशय भी एक तरह से कचरे में तब्दील हो गया है. पूरे जलाशय में जलकुभी ने अपना साम्राज्य कायम कर लिया है.

इसकी वजह से यहां पर मछली पालन तथा प्रजनन का काम बंद है. इस प्रजनन केन्द्र की सुरक्षा के लिए बनाये गये बाउंड्रीवाल की भी स्थिति बेहद दयनीय है. कई स्थानों पर बाउंड्रीवाल के टूट जाने की वजह से आम लोग यहां प्रवेश कर रहे हैं. कई स्थानों पर तो जमीन पर अवैध कब्जे की भी कोशिश की जा रही है. इस प्रजनन केन्द्र में तैनात कर्मचारियों के लिए बनाये गये क्वार्टरों की भी हालत काफी खराब है. यहां बिजली तक की व्यवस्था नहीं है.

हर वर्ष ही मालदा के इस सागरदीघी मछली पालन केन्द्र से राज्य सरकार को करोड़ों रुपये की आय होती है. उसके बाद भी यहां ढांचागत सुविधाओं के विकास में राज्य सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है. मालदा जिला परिषद की पूर्व सभाधिपति तथा कांग्रेस विधायक सबीना यासमीन का कहना है कि वह जब तक सभाधिपति थी, तब तक उन्होंने सागरदीघी के विकास के लिए कई काम किये. जलाशय में बांध बांधने के साथ ही यहां बिजली की भी व्यवस्था की गई थी. लेकिन वर्तमान राज्य सरकार इस केन्द्र की अनदेखी कर रही है. इसी वजह से सागरदीघी की स्थिति इतनी खराब है. मछली पालन से लेकर प्रजनन का काम भी बंद है. इसकी वजह से कई लोगों के रोजी-रोटी पर संकट पैदा हो गया है. मतस्य विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंगलिश बाजार ब्लॉक के काजीग्राम पंचायत के अधीन मालदा सादुल्लापुर राज सड़क पर यह केन्द्र स्थित है. एक हजार बीघा क्षेत्र में कुल 21 तालाब बनाये गये हैं.

इसके अलावा मछलियों के प्रजनन के लिए नौ तालाब अलग से हैं. 10 वर्ष पहले इस जलाशय में बांध बनाने का काम भी हुआ था. लेकिन देख-रेख के अभाव में स्थिति खराब होती जा रही है. तालाब की साफ-सफाई नहीं होने की वजह से मछली पालन का काम बंद है. यहां से पुलिस कैम्प को भी हटा दिया गया है, जिसकी वजह से इस इलाके में चोरी-डकैती की घटना भी बढ़ी है.

इस बीच, कांग्रेस परिचारित मालदा जिला परिषद के विभागीय प्रमुख समसुल हक ने कहा है कि सागरदीघी के संरक्षण की आवश्यकता है. जिला परिषद पहले इसकी देखरेख करती थी. तत्कालीन वाम मोरचा सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर सागरदीघी को जिला परिषद के अधिकार क्षेत्र से बाहर कर दिया. इसी वजह से जिला परिषद द्वारा यहां काम कर पाना संभव नहीं है. सागरदीघी के बेहाल स्थिति की जानकारी उन्हें भी है. राज्य सरकार यदि जिला परिषद को अधिकार दे तो वह वहां काम करने के लिए तैयार हैं.

अधिकारियों ने साधी चुप्पी
इस मुद्दे पर मतस्य विभाग के अधिकारी चुप्पे साधे हुए हैं. विभाग के डिप्टी डायरेक्टर किशोर धारा से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वह मामले को देख रहे हैं और सागरदीघी को लेकर कहीं से भी कोई समस्या नहीं है.

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