सिलीगुड़ी़ : इस त्योहारी मौसम में सभी सरकारी ब्लड बैंक रक्त की कमी की समस्या से जूझ रही है़ दार्जिलिंग जिला के पांचों सरकारी ब्लड बैंकों में रक्त का भंडार लगभग खत्म हो चुका है़ बैंकों में पोजेटिव ग्रुप के रक्त का जो परिमाण है वह केवल जरूरी परिसेवा के लिए ही रखा गया है़ वहीं नेगेटिव ग्रुप के रक्त की मात्रा प्राय: शून्य है़ .
इस परिस्थिति में क्रेडिट कार्ड रहने के बावजूद रक्तदाताओं के बगैर मरीजों के लिए रक्त नहीं मिल रहा़ इससे मरीजों के परिजनों को काफी समस्याओं से दोचार होना पड़ रहा है़ ब्लड बैंकों के अधिकारियों की माने तो त्योहारी मौसम व उत्सवी माहौल के दौरान दुर्घटनाएं काफी अधिक होती हैं और रक्त की मांग भी काफी बढ़ जाती है़ त्योहारों में व्यस्तता के कारण ही सरकारी व गैर सरकारी एवं राजनीतिक संगठन रक्तदान शिविर नहीं लगा पाते़ फलस्वरूप प्रत्येक वर्ष ही इस त्योहारी मौसम में रक्त संकट उत्पन्न होता है़.
इस संकट के मद्देनजर ही किस ब्लड बैंक में कितने यूनिट ब्लड मौजूद हैं, इसकी विस्तृत जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी-2 डॉक्टर तुलसी प्रमाणिक हर रोज दिन के 11 बजे ही रिपोर्ट लेते है़ं इन दिनों सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में ए, बी, एबी एवं व ग्रुप के कुल रक्त की संख्या मात्र पांच यूनिट थी़ नेगेटिव ग्रुप के एक भी यूनिट रक्त मौजूद नहीं थे़ एक ही तरह की अवस्था दार्जिलिंग जिला अस्पताल, कर्सियांग एवं कालिम्पोंग महकमा अस्पताल के ब्लड बैंक में देखी गई़ उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के ब्लड बैंक की अवस्था और भी बदहाल है़.
यहां प्रत्येक दिन 10 से 15 यूनिट रक्त मरीजों को लगता है, लेकिन सभी ग्रुपों की रक्त यूनिट की संख्या केवल 26 देखी गई़ सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के स्वास्थ्य अधीक्षक डॉ अमिताभ मंडल का कहना है कि त्योहारी मौसम की वजह से ही रक्त संकट देखा जा रहा है़ इस मौसम में रक्तदान शिविर काफी कम होते है़ं .
इसके बावजूद रक्त दानदाताओं के लाने के साथ ही साथ मरीजों को हमलोग रक्त मुहैया करा देते है़ं उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के ब्लड बैंक के सर्किल ऑफिसर मृदुमय दास का भी कहना है कि इन दिनों रक्त की मांग काफी अधिक बढ़ी है़ इसी वजह से समस्या भी काफी बढ़ी है़ वेस्ट बंगाल वोलंटियरी ब्लड डोनर्स फोरम के प्रमुख सोमनाथ चटर्जी का कहना है कि फोरम की ओर से पूजा आयोजक कमेटियों के पास अपील की गई है कि कालीपूजा, दीपावली, छठ पूजा व अन्य त्योहारों के आयोजनों के दौरान विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों के साथ-साथ रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया जाये़