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बीएसएफ ने शहीदों के निकट संबंधियों को किया सम्मानित
सिलीगुडी़ : पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ),कदमतला एवं सभी अधीनस्थ मुख्यालयों एवं वाहिनियों में सभी केंद्रीय पैरामिलिट्री एवं पुलिस बलों के दिनांक 01 सितंबर 2014 से 31 अगस्त 2015 की अवधि में देश सेवा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहीद हुए 434 अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं अन्य पद […]
सिलीगुडी़ : पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ),कदमतला एवं सभी अधीनस्थ मुख्यालयों एवं वाहिनियों में सभी केंद्रीय पैरामिलिट्री एवं पुलिस बलों के दिनांक 01 सितंबर 2014 से 31 अगस्त 2015 की अवधि में देश सेवा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहीद हुए
434 अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं अन्य पद कार्मिकों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई़ इन शहीदों के सम्मान में 02 मिनट का मौन रखा गया़ इस समय बीएसएफ अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने के मौके को स्वर्ण जयंती वर्ष के तौर पर मना रहा है़
इस अवसर पर बीएसफ द्वारा विभिन्न आयोजनो की कड़ी में वीर शहीदों की यादमें उनके परिजनों को सम्मानित करने का कार्यक्रम देश के सभी मुख्य शहरों में किया गया़ इसी सिलसिले में यह कार्यक्रम शहीदों के परिजनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस मुख्यालय के अलावा सेक्टर मुख्यालय,जलपाईगुड़ी, सेक्टर मुख्यालय,किशनगंज एवं सेक्टर मुख्यालय रायगंजमें भी आयोजित किया गया़कदमतला में आयोजित सम्मान समारोह कार्यक्रम में दार्जिलिंग, सिक्किम एवं नेपाल के कुल 13 शहीदों के निकट संबंधियों को समारोह के मुख्य अतिथि एसएसबी के आइजी कुलदीप सिंह द्वारा प्रतीक चिह्न एवं शाल प्रदान कर सम्मानित किया गया़
समारोह में उपस्थित शहीदों के परिजनों की समस्याओं को सुना गया और उनका निराकरण किया गया़ समारोह में शहीदों के परिजनों को संबोधित करते हुए आइजी कमल नयन चौबे ने कहा कि वह सीमा प्रहरियों तथा यहां उपस्थित वीर शहीदों के परिवारों के सदस्यों का अभिवादन व अभिनंदन करते हैं,उन्होंने आगे कहा कि बल के जवानों में देशभक्ति का जज्बा और अधिक मजबूत होगा, जो निश्चय ही आने वाले समय में सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत साबित होगा़ इस स्वर्णिम सफर के दौरान सीमा सुरक्षा बल ने अपने स्थापना काल से ही राष्ट्रीय सुरक्षा के सभी आयामों में अपना भरपूर योगदान देते हुए एक निर्णायक भूमिका निभाई है़ इसमें आपके परिजनों की शहादत का महत्वपूर्ण योगदान रहा है़
अपनी स्थापना के आरंभिक वर्षो के दौरान 1971 के पाकिस्तानी सेना से बंग्लादेश को मुक्त कराने से प्रारंभ सीमा सुरक्षा बल की यह साहसिक यात्रा भारत-पाक तथा भारत-बंग्लादेश सीमा की चौकसी संबंधी अपनी प्राथमिक भूमिकाओं के निर्वहन के अतिरिक्त पंजाब एवं कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने एवं उत्तर पूर्व में विद्रोहियों से लड़ने तथा अब माओवादियों से मुकाबला करते हुए सतत जारी है़
उन्होंने आगे कहा कि सीमा प्रहरियों के सर्वोच्च बलिदान के लिए भारत सरकार द्वारा बीएसफ को 01 महावीर चक्र, 11 वीरचक्र, 04 कीर्ति चक्र, 12 शौर्यचक्र, वीरता के लिए राट्रपति के 231 पुलिस पदक एवं वीरता के लिए 870 पुलिस पदकों से सम्मानित किया गया है़
श्री चौबे ने आगे कहा कि जैसा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी की भी इच्छा है कि हमारे शहीदों के परिवारों को हर संभव अच्छी से अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उनकी देखभाल सुनिश्चित करना हमारा परम कर्तव्य होना चाहिए, जिसका निर्वहन सीमा सुरक्षा बल द्वारा किया जा रहाहै़ समारोह के मुख्य अतिथि कुलदीप सिंह, ने अपने संबोधन में बताया कि सीमा सुरक्षा बल का एक गौरवशाली इतिहास रहा है और जब भी राष्ट्र को इसकी आवश्यकता महसूस हुई है इस बल ने हर मौके पर अपनी जिम्मेवारी को बखूबी निभाते हुए राष्ट्र को गर्वित किया है़ अपने कर्तव्य निर्वहन के दौरान वीर शहीदों के बलिदान को हम सभी अपने हृदय की गहराइयों से नमन करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि सीमा सुरक्षा बल की इस स्वर्णिम यात्रा के दौरान, 1652 जांबाजों ने कर्तव्य की बलिवेदी पर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, जो अपने आप ही राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु उनकी प्रतिबद्धता,देशभक्ति एवं उच्चकोटि की क्षमता का बोध कराता है और इसके लिए हम इन शहीदों के परिजनों का आभार प्रकट करते हैं.इस अवसर पर काफी संख्या में सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी एवं जवान शामिल थे़
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