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बिना सरकारी अनुमोदन के चल रहे हजारों निजी प्राथमिक स्कूल
जलपाईगुड़ी : जलपाईगुड़ी शहर समेत जिले के विभिन्न ब्लॉकों में कुकुरमुत्ते की तरह फैले निजी प्राथमिक स्कूलों को सरकारी अनुमति के बिना ही चलाया जा रहा है. इनमें से ज्यादातर स्कूल अंग्रेजी माध्यम के हैं. सरकारी निर्देशिका के तहत आवश्यक न्यूनतम बुनियादी ढांचा तक इन स्कूलों में नहीं है. यही नहीं, इन स्कूलों में सीबीएसई, […]
जलपाईगुड़ी : जलपाईगुड़ी शहर समेत जिले के विभिन्न ब्लॉकों में कुकुरमुत्ते की तरह फैले निजी प्राथमिक स्कूलों को सरकारी अनुमति के बिना ही चलाया जा रहा है. इनमें से ज्यादातर स्कूल अंग्रेजी माध्यम के हैं. सरकारी निर्देशिका के तहत आवश्यक न्यूनतम बुनियादी ढांचा तक इन स्कूलों में नहीं है. यही नहीं, इन स्कूलों में सीबीएसई, आइसीएसई बोर्ड के करीकुलम का भी पालन नहीं किया जा रहा है. सरकारी अनुमति के बिना चल रहे इन स्कूलों की ओर से छात्रों को जो सर्टिफिकेट प्रदान किया जा रहा है, उसकी वैधता पर भी शक है.
जलपाईगुड़ी जिला प्राथमिक शिक्षा संसद के चेयरमैन धरती मोहन राय ने साफ कहा है कि जिन स्कूलों को सरकार ने अनुमोदन नहीं दिया है, उन स्कूलों द्वारा प्रदान किये जा रहे सर्टिफिकेट की कोई वैधता नहीं है. इस तरह के गैर सरकारी स्कूलों पर निगरानी रखी जायेगी. उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक 10 गैर सरकारी प्राथमिक स्कूलों को राज्य शिक्षा विभाग ने अनुमोदन दिया है.
इस सूची में जलपाईगुड़ी शहर के एक भी स्कूल का नाम नहीं है.इन स्कूलों के नामों की सूची राज्य शिक्षा विभाग के पास भेजे जाने के बावजूद अनुमोदन नहीं मिलने से यह बात साफ है कि इन स्कूलों ने सरकारी शर्तों का पालन नहीं किया है. जलपाईगुड़ी जिला प्राथमिक स्कूल परिदर्शक के विभागीय सूत्रों के मुताबिक, अलीपुरद्वार व जलपाईगुड़ी मिला कर बांग्ला, अंग्रेजी, हिंदी माध्यम के प्राथमिक स्कूलों की संख्या 498 है.
सरकारी नियमों के तहत निजी प्राथमिक स्कूलों को सरकारी अनुमोदन पाने के लिए कुल 13 शर्तों का पालन करना होगा. इनमें स्कूल की जो बुनियादी व्यवस्था है, उसके तहत छात्र-छात्राओं की पर्याप्त संख्या होना, स्कूल के शिक्षक -शिक्षिकाओं की पर्याप्त योग्यता, उनके वेतन, स्कूल की निजी जमीन व भवन, स्कूल में खेल मैदान आदि शर्तें शामिल हैं. सभी शर्तों को पूरा करने के बाद ही राज्य शिक्षा विभाग स्कूल को सरकारी अनुमोदन देती है.
जानकारी के अनुसार, अनुमोदन के लिए आवेदन के तहत जिला प्राथमिक विद्यालय के परिदर्शक के कार्यालय से 300 गैर सरकारी स्कूलों के परिदर्शन व इनके अनुमोदन के लिए 85 स्कूलों के नामों की सूची भेजी गयी थी.
इनमें 10 स्कूल को अनुमोदन दिया गया है. जिला प्राथमिक विद्यालय परिदर्शक तृप्ति गुह ने बताया कि उनकी ओर से भेजी गयी सूची में 10 स्कूलों को सरकारी अनुमोदन मिला है. बाकी स्कूलों कोक राज्य शिक्षा विभाग ने अनुमोदन नहीं दिया है. आशा है जल्द ही बाकी गैर सरकारी स्कूलों को अनुमोदन मिल जायेगा.
जानकारों का मानना है कि जिन स्कूलों को अभी तक अनुमोदन नहीं मिला है, वे सब स्कूल अवैध है. शिक्षाविदों का कहना है कि गैर सरकारी स्कूलों को अपना सिलेबस नहीं तैयार कर किसी स्वीकृत बोर्ड की पाठ्यसूची का अनुसरण करना चाहिए. नहीं तो आगे चल कर विद्यार्थी मुश्किल में पड़ जायेंगे.
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