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एनजेपी स्टेशन पर खुलने से पहले ही बंद हो गया वाटर एटीएम

रेलवे की लाल फीताशाही का हुआ शिकार आरटीआइ का भी नहीं मिला कोई जवाब सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी के निकट एनजेपी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर लगा वाटर एटीएम खुलने से पहले ही बंद हो गया है. करीब एक वर्ष पहले इस एटीएम की स्थापना एपेक्स टेक्नोलॉजी नामक सिलीगुड़ी की एक कंपनी द्वारा की […]

रेलवे की लाल फीताशाही का हुआ शिकार

आरटीआइ का भी नहीं मिला कोई जवाब

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी के निकट एनजेपी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर लगा वाटर एटीएम खुलने से पहले ही बंद हो गया है. करीब एक वर्ष पहले इस एटीएम की स्थापना एपेक्स टेक्नोलॉजी नामक सिलीगुड़ी की एक कंपनी द्वारा की गई थी.

रेलवे द्वारा प्राप्त वर्क ऑर्डर के आधार पर कंपनी ने दस लाख रुपये निवेश कर यहां इस एटीएम मशीन को लगाया था. कोई भी रेल यात्री इस एटीएम मशीन से एक रुपये में दो सौ एमएल तथा तीन रुपये में एक लीटर ठंडा तथा शुद्ध पानी प्राप्त कर सकता था.

करीब एक वर्ष तक जदोजहद के बाद भी इस एटीएम मशीन की यहां शुरूआत नहीं हो सकी. आज सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एपेक्स टेक्नोलॉजी के निदेशक जयंत विश्वास ने पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के कटिहार डिवीजन पर परेशान करने का आरोप लगाया.

श्री विश्वास ने कहा कि पूर्वोत्तर सीमा रेलवे द्वारा पिछले वर्ष 3 जुलाई 2014 को उन्हें एक वर्क ऑर्डर जारी कर इस एटीएम मशीन की स्थापना की बात कही थी. उसके बाद उन्होंने करीब डेढ़ महीने बाद ही दस लाख रुपये निवेश कर एनजेपी स्टेशन के दो नंबर प्लेटफार्म पर पानी के इस एटीएम मशीन की स्थापना कर दी.

तब से लेकर अब तक वह कई बार इस एटीएम मशीन को चालू करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन रेलवे की लाल फीताशाही की वजह से उन्हें इस मशीन को चालू करने में असुविधा हो रही है. रेलवे की ओर से लिखित रूप में वादा किये जाने के बाद भी बिजली तथा पानी का कनेक्शन मुहैया नहीं कराया जा रहा है. इस मुद्दे को लेकर उन्होंने कटिहार डिवीजन के एडीआरएम आरके सिंह के साथ कई बार बातचीत की, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ है. रेलवे के इस रवैये के कारण उनका दस लाख रुपया डूबने के कगार पर है.

श्री विश्वास ने आगे कहा कि एनजेपी रेलवे स्टेशन पर सक्रिय पानी माफिया के कारण उनकी इस परियोजना को चालू नहीं होने दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एनजेपी स्टेशन इस क्षेत्र का प्रमुख रेलवे स्टेशन है और यहां हर दिन ही रेल यात्रियों की काफी अधिक भीड़ होती है. रेल यात्री 15 रुपये में एक लीटर पानी खरीद कर पीते हैं. मात्र तीन रुपये में एक लीटर पानी मिलने की खबर के बाद से ही संभवत: यहां सक्रिय पानी माफिया में खलबली मची होगी और वही लोग इस परियोजना को चालू होने देने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं.

श्री विश्वास ने आगे कहा कि सूचना के अधिकार कानून के तहत उन्होंने पूर्वोत्तर सीमा रेलवे से 12 मार्च 2015 को जानकारी भी प्राप्त करनी चाही. लेकिन उन्हें रेलवे द्वारा किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गई. उन्होंन रेलवे प्रशासन से शीघ्र ही इस समस्या के समाधान की मांग की है. ऐसा नहीं होने की स्थिति में उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करने की भी धमकी दी है.

एसजेडीए के बोर्ड सदस्यों का बचाव

सिलीगुड़ी : एसजेडीए घोटाला प्रकरण में गिरफ्तार आइएएस अधिकारी व एसजेडीए के तत्कालीन सीइओ गोदाला किरण कुमार के वकीलों के बीच आपस में ही ठन गयी है. इसका खुलासा मीडिया में गोदाला के बयानबाजी को लेकर हुआ है. सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में शुक्रवार को प्रेस-वार्ता के दौरान गोदाला के प्रतिनिधि के रुप में अधिवक्ता अब्र ज्योति दास ने मीडिया से कहा कि इन दिनों प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में गोदाला के बयान को गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि गोदाला के अलावा एसजेडीए के सभी बोर्ड सदस्यों के साथ-साथ आरोपी इंजीनियरों की भी गिरफ्तारी का बयान उनके मुवक्किल (गोदाला) का नहीं है. इस बयान को मीडिया में गोदाला के गिरफ्तारी के बाद से ही प्रचारित किया जा रहा है. जबकि गिरफ्तारी के बाद किसी को भी उनके वकील के अलावा बात करने का अधिकार नहीं है. गोदाला इन दिनों जेल हिरासत में हैं, तो मीडिया में उनका गलत तरीके से क्यों प्रचार किया जा रहा है. इस वजह से उनके मुवक्किल के दिल को काफी ठेस पहुंची है.

मीडिया पर अंगुली उठाने के बाद श्री दास खुद के सवालों में ही घिर गये. मीडिया के पलटवार को सही तरीके नहीं ङोल सके और मीडिया के सवालों का जवाब उनसे सही तरीके से देते नहीं बना. गोदाला के मामले में शुरू से ही उनके वकील के रुप में मालदा के सीनियर अधिवक्ता तरित ओझा व सिलीगुड़ी के अत्रिदेव शर्मा को हमेशा साथ देखा गया.

साथ ही गोदाला के प्रवक्ता के रुप हमेशा ही श्री शर्मा मीडिया के सामने पेश आये. सीआइडी ने जब गोदाला को गिरफ्तार किया तभी से ही श्री शर्मा मीडिया के सामने बार-बार यह बयान देते आ रहे हैं कि राज्य सरकार के दबाव में सीआइडी गोदाला को बलि का बकरा बना रही है. गोदाला को गिरफ्तार किया गया, लेकिन मुख्य आरोपी सभी बोर्ड सदस्य खुलेआम घूम रहे हैं. साथ ही मीडिया पर पहले अंगुली क्यों नहीं उठायी गयी. इतने दिनों के बाद आज अचानक गोदाला के दिल को ठेस कैसे पहुंचने लगा.

मीडिया के इन सवालों पर किसी तरह लिपापोति करते हुए श्री दास ने कहा कि गोदाला के मामले में वह शुरु से नहीं जुड़े हैं. उनके साथ पहले कौन था और किसने क्या कहा इसकी उन्हें सही जानकारी नहीं है. गोदाला के वकील के रुप में उनके साथ-साथ कलकत्ता हाइकोर्ट के अधिवक्ता राजदीप मजूमदार व श्री ओझा हैं.

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