आसनसोल : मानव संसाधन विकास मंत्रलय के नेशनल मिशन ऑन एजुकेशन थ्रू इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (एनएमईसीटी) के तहत यूजीसी ने स्नातकोत्तर में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए इ–पीजी पाठशाला नाम से जो शैक्षिक पोर्टल बीते अप्रैल में शुरू किया था, वह कंटेट की कमी से जूझ रहा है.
इससे स्टूडेंट्स को मायूसी हाथ लगी है. फिलहाल 77 में से केवल 36 विषयों के कंटेंट ही वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. इनमें से भी केवल 20 विषयों के ही कंटेट डाउनलोड किये जा सकते हैं. बर्दवान विश्वविद्यालय, काजी नजरूल विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के पीजी स्टूडेंट्स इस इ–पाठशाला का लाभ उठा रहे हैं.
स्टूडेंट्स आसानी से कहीं भी अपने विषय से जुड़ी हुई पाठ्य सामग्री तक अपनी पहुंच बना रहे हैं. एम कॉम के स्टूडेंट्स रोहित को अब विभाग से न नोट्स और न बुक्स की कमी खल रही है. यहां तक कि पोलिटिकल साइंस, हिंदी, एजुकेशन, बॉटनी, कॉमर्स आदि विषयों के स्टूडेंट्स अब नोट्स के लिए इधर–उधर दोस्तों और प्रोफेसर के पास नहीं भटक रहे है.
इनके कंटेंट उपलब्ध
कंप्यूटर साइंस, फूड टेक्नोलॉजी, पॉलिटिकल साइंस, बॉटनी, ज्योलॉजी, कॉमर्स, अर्थ साइंस, हिंदी, संस्कृत, मैनेजमेंट एजुकेशन, लिंगवस्टक्स, लॉ, ज्योग्राफी, हिस्ट्री, लाइब्रेरी साइंस, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, सोशल वर्क एजुकेशन, इंवारमेंट साइंस सोशियोलॉजी, एंथ्रोपोलॉजी
सितम्बर में दी मंजूरी
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने इस योजना को सितंबर, 2011 में मंजूरी दी थी. इसके तहत कुल 77 विषयों का ई–पाठ्यक्र म तैयार होना था. इसमें सोशल साइंस, आर्ट, फाइन आर्ट के साथ साथ नेचुरल और मैथमैटिकल साइंस, भाषा और बोलियों से जुड़े विषय शामिल हैं. लर्निग मैनेजमेंट सिस्टम के तहत ऑनलाइन स्तर पर इ–पाठशाला पर स्टूडेंट्स और अध्यापक दोनों ज्ञान के भंडार में गोते लगा सकते है.
हो रहे लोड पोर्टल पर 20 विषयों से संबंधित इ–कंटेंट अभी उपलब्ध हैं. साथ ही 27 विषयों के पीजी कक्षाओं में पढ़ाए जाने वाले प्रश्न–पत्रों की पहचान कर ली गई है. यूजीसी ने पोर्टल के लिए 77 विषयों के इ–कंटेंट और पढ़ाए जाने वाले प्रश्न–पत्रों के लिए प्रस्ताव यूनिवर्सिटी से मंगाए हैं. इ–कंटेंट में लगभग सभी स्ट्रीम्स को जोड़ने का लक्ष्य है. इसमें आर्ट्स, साइंस, ह्यूमैनिटीज, लॉ, नेचुरोपैथी, लैंग्वेज, मैथेमेटिकल साइंस सहित सभी आयामों को लाने करने की तैयारी है.