कई लोगों को वहां के हालात के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है. टेलीफोन से भी संपर्क होना मुश्किल हो रहा है. हालांकि बीएसएनएल तथा कुछ अन्य भारतीय दूरसंचार कंपनियों ने नेपाल के लिए कॉल को काफी सस्ता या फिर निशुल्क कर दिया है उसके बाद भी फोन लगा पाना संभव नहीं हो पा रहा है. नेपाल में भूकंप की वजह से दूरसंचार व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. यही वजह है कि बार-बार के प्रयास के बाद भी दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र के लोग नेपाल में रह रहे अपने रिश्तेदारों को फोन नहीं लगा पा रहे हैं. यहां के लोग दिन भर टीवी से चिपक कर नेपाल के हालात पर नजर रखे हुए हैं. दाजिर्लिंग सहित कर्सियांग, कालिम्पोंग, मिरिक आदि में ऐसे परिवारों की संख्या काफी अधिक है जिनके रिश्तेदार नेपाल में रहते हैं.
इसके अलावा काफी संख्या में ऐसे लोग भी दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में रह रहे हैं जो मजदूरी के लिए नेपाल से यहां आये हुए हैं. इन लोगों का कहना है कि वह बार-बार अपने परिवार वालों से टेलीफोन के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है. शहर में कई लोग काठमांडू के भी हैं. टीवी पर इन लोगों ने अपने-अपने घरों को जमीनदोज होते देखा है. इस बीच, जीटीए प्रमुख बिमल गुरूंग ने ऐसे प्रभावित लोगों को सहायता देने की घोषणा की है. बिमल गुरूंग कल कर्सियांग आये हुए थे. वहां उन्होंने कहा था कि दुख की इस घड़ी में दाजिर्लिंग के लोग नेपाल के साथ हैं. जीटीए से जितना बन पड़ेगा, सहायता करने के लिए वह तैयार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार भी नेपाल में भूकंप पीड़ितों की मदद कर रही है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.