इस मुद्दे पर रिचपाल सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार एसएस अहलुवालिया को सिलीगुड़ी नगर निगम के 22 वार्डो में बढ़त मिली थी. केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद पूरे राज्य के साथ-साथ सिलीगुड़ी में भी भाजपा की लोकप्रियता में जोरदार वृद्धि हुई थी. इससे सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में भाजपा को 28 से 30 सीटें मिलने की उम्मीद जाहिर की जा रही थी. लेकिन अब पहले जैसी स्थिति नहीं है.
श्री सिंह ने भाजपा के जिला अध्यक्ष रथीन्द्र बोस पर कई गंभीर आरोप भी लगाये. उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए जिला अध्यक्ष ने विरोधी दलों के साथ करोड़ों रुपये की डील की है. इसी वजह से योग्य उम्मीदवारों को इस बार नगर निगम चुनाव में टिकट नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि भाजपा के जिला अध्यक्ष तथा अन्य नेताओं ने पैसे लेकर उम्मीदवारों को टिकट दिया है. यही वजह है कि अन्य पार्टियों से भाजपा में आये अयोग्य लोग टिकट पाने में कामयाब हो गये, जबकि भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ताओं की कोई पूछ नहीं रही. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिलेगी.
श्री सिंह ने आगे कहा कि वार्ड कमेटियों ने टिकट हेतु जिन उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की थी उनमें से अधिकांश को टिकट नहीं दिया गया. वार्ड कमेटी के रिपोर्ट की पूरी तरह से अनदेखी की गई. उन्होंने वार्ड नंबर 40 से भाजपा उम्मीदवार अरिंदम विश्वास की भी कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि वार्ड नंबर 40 से वार्ड कमेटी ने जिन 7 लोगों के नामों की सिफारिश की थी, उनमें से अरिंदम विश्वास का नाम कहीं नहीं था. उसके बावजूद अरिंदम विश्वास को टिकट दिया गया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अरिंदम विश्वास भूमाफिया है और उसके खिलाफ भक्तिनगर थाने में कई मामले दर्ज हैं. उसके बाद भी रथीन्द्र बोस ने रुपये लेकर उसे टिकट दे दिया. आज भाजपा छोड़ने वालों में राकेश मंडल, अनरुन साव, दीपंकर चटर्जी, खगेन बरूआ आदि का नाम उल्लेखनीय है.