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रेल यात्रियों में अभी भी है खौफ

सिलीगुड़ी: 26 जनवरी को तीनधरिया में हुए विश्व धरोहर ट्रेन ट्वाय ट्रेन की दुर्घटना के गवाह बने करीब 73 रेल यात्री अभी भी दहशत में जी रहे हैं. उस दुर्घटना में जहां मौली देवी नामक एक महिला की मौत हो गई थी और तीन अन्य लोग घायल हो गये थे. यह सभी लोग विश्व धरोहर […]

सिलीगुड़ी: 26 जनवरी को तीनधरिया में हुए विश्व धरोहर ट्रेन ट्वाय ट्रेन की दुर्घटना के गवाह बने करीब 73 रेल यात्री अभी भी दहशत में जी रहे हैं. उस दुर्घटना में जहां मौली देवी नामक एक महिला की मौत हो गई थी और तीन अन्य लोग घायल हो गये थे. यह सभी लोग विश्व धरोहर ट्रेन में सवार होकर दाजिर्लिंग घुमने गये थे. तीनधरिया के निकट ट्रेन पटरी से उतर गई और इस क्रम में मौली देवी नामक महिला ट्रेन से नीचे गिर गई और उसकी मौत हो गई. रेलवे अधिकारियों का कहना था कि आतंक की वजह से वह महिला ट्रेन से कूद गई थी जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई.

उस ट्रेन में सवार आज कई यात्रियों ने रेलवे के खिलाफ मोरचा खोला है. सिलीगुड़ी के रवीन्द्र नगर की रहने वाली सुदीपा सरकार, विवेकानंदपल्ली के रहने वाले गिरधारी लाल गण, डॉ निकिता साहा, गेट बाजार की रहने वाली मांपी दे तथा देशबंधुपाड़ा की रहने वाली माला पाल ने आज एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान हादसे और खौफ की दासतां बतायी. इन लोगों का कहना था कि दुर्घटना दिन के 2.30 मिनट पर हुई थी और सहायता के लिए रेलवे अधिकारी नदारद थे. करीब 4.30 मिनट पर रेलवे अधिकारी और डॉक्टर आये, लेकिन इन लोगों के पास यात्रियों के इलाज के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं थी.

स्थानीय लोगों के सहयोग से घायलों की चिकित्सा की जा सकी. यात्रियों ने बताया कि करीब आठ मिनट तक बिना ब्रेक के ट्रेन चलती रही. पहाड़ पर असामान्य स्पीड देखकर लग गया था कि ट्रेन में ब्रेक नहीं लग रहा है. उस वक्त ट्रेन में सवार गिरधारी लाल गण नामक यात्री अपनी बोगी से किसी तरह से गार्ड ब्रेक की ओर चले गये. वहां देखकर वह आश्चर्यचकित रह गये. गार्ड ब्रेक में ट्रेन का गार्ड ही नहीं था. संवाददाता सम्मेलन के दौरान मौजूद श्री गण ने बताया कि ट्रेन की गति देखकर गार्ड अपनी बोगी से कूद गया और यात्रियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया. उन्होंने ही गार्ड ब्रेक बनी चकरी को कई बार घुमाकर गाड़ी रोकने में कामयाबी हासिल की. इसकी वजह से 73 से अधिक यात्रियों की जान बच सकी.

इन यात्रियों ने रेलवे के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि कई यात्रियों के पास रेलयात्रयात्राके वैध टिकट नहीं थे. इन लोगों ने कहा कि सभी यात्रियों के पास वैध टिकट थे और रेलवे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के लिए ऐसी बातों को फैला रहा है. यात्रियों ने कहा कि अगर किसी के पास टिकट नहीं था तो यह रेलवे की जिम्मेदारी बनती है कि वह ऐसी यात्रियों की पहचान करे और उन्हें ट्रेन से नीचे उतार दे. तमाम यात्रियों ने रेलवे को कोसते हुए कहा कि मौके पर तो किसी प्रकार की सहायता नहीं दी गई. साथ ही इस घटना के बाद से अब तक रेलवे ने किसी प्रकार की कोई खोज खबर नहीं ली.

डॉ निकिता साहा ने रेलवे पर बरसते हुए कहा कि ट्वाय ट्रेन विश्व धरोहर की सूची में शुमार है. हर दिन ही भारी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक इस ट्रेन में यात्र करते हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि संभवत: विदेशी नहीं होने के कारण रेलवे ने उनकी कोई सुध नहीं ली. ट्रेन में सवार सभी लोग सिलीगुड़ी के थे और रेलवे को स्थानीय लोगों की जान सस्ती दिखी होगी. इन तमाम यात्रियों ने आगे बताया कि इस मुद्दे को लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, जीएम मालीगांव तथा डीआरएम कटिहार को चिट्ठी भी लिखी थी, लेकिन कहीं से भी कोई जवाब नहीं मिला है. इन यात्रियों ने रेलवे के खिलाफ मुकदमा करने की भी धमकी दी है.

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