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मंत्री से मांगा लिखित आश्वासन

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी अदालत परिसर में मेट्रोपोलिटन कोर्ट के भवन निर्माण हेतु जमीन छोड़ने के लिए लॉ क्लर्क हालांकि राजी है, लेकिन इसके लिए उन्होंने पहले ही वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग सरकार से की है. सिलीगुड़ी अदालत परिसर में करीब 200 से अधिक लॉ क्लर्क काम करते हैं. यह लोग अदालत के प्रवेश द्वार […]

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी अदालत परिसर में मेट्रोपोलिटन कोर्ट के भवन निर्माण हेतु जमीन छोड़ने के लिए लॉ क्लर्क हालांकि राजी है, लेकिन इसके लिए उन्होंने पहले ही वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग सरकार से की है. सिलीगुड़ी अदालत परिसर में करीब 200 से अधिक लॉ क्लर्क काम करते हैं.
यह लोग अदालत के प्रवेश द्वार के दायीं ओर खाली जमीन पर अस्थायी शेड का निर्माण कर कार्य कर रहे हैं. कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मेट्रोपोलिटन कोर्ट बनाने हेतु पांच तल्ला भवन के निर्माण का आदेश दिया है. अभी जो जमीन खाली है उसमें इतने बड़े भवन का निर्माण संभव नहीं है.
बड़े भवन के निर्माण के लिए लॉ क्लर्को हेतु बने स्थायी शेड को हटाकर वहां की जमीन भी लेनी पड़ेगी. हाल ही में जब कलकत्ता हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस मंजूला चिल्लूर जब अदालत परिसर के दौरे पर आयी थी तब उन्होंने लॉ क्लर्को से भी बातचीत की थी. तब लॉ क्लर्को ने नये भवन में उनके बैठक की स्थायी व्यवस्था करने की मांग की थी. इस बीच, लॉ क्लर्को को यह आशंका सता रही है कि एक बार भवन निर्माण हेतु जमीन छोड़ देने के बाद उनके फिर से बैठने की व्यवस्था पर ग्रहण लग सकता है. अभी तक कोई भी यह खुलकर नहीं कह रहा है कि नये भवन में लॉ क्लर्को के स्थायी रूप से बैठने की व्यवस्था की जायेगी.
यही वजह है कि इस मामले में लॉ क्लर्को ने मंत्री गौतम देव से लिखित में आश्वासन मांगा है. मेट्रोपोलिटन कोर्ट के निर्माण तथा भक्तिनगर थाना अंतर्गत दर्ज मामले की सुनवाई सिलीगुड़ी कोर्ट में कराने की वकीलों की मांग को लेकर उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव ने बृहस्पतिवार को सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के सदस्यों से मुलाकात की थी. उन्होंने नये भवन के शीघ्र निर्माण शुरू होने का आश्वासन दिया था तथा जमीन छोड़ने हेतु लॉ क्लर्को से बातचीत करने की भी बात कही थी.
माना जा रहा है कि इस महीने की 30 तारीख को गौतम देव लॉ क्लर्को से बातचीत करेंगे. इधर, कई लॉ क्लर्को का यह भी कहना है कि मेट्रोपोलिटन कोर्ट हेतु भवन निर्माण का काम एक-दो दिनों में होने वाला नहीं है. पांच मंजिला भवन के निर्माण में कई महीने लग जायेंगे. इस दौरान वह लोग कहां बैठेंगे और कहां काम-काज करेंगे, इसकी व्यवस्था भी प्रशासन को सुनिश्चित करनी चाहिए. लॉ क्लर्को ने आगे बताया कि उनका काम वकीलों को छोड़ कर नहीं चल सकता. जहां वकील रहेंगे, उसी के आसपास लॉ क्लर्को के भी बैठक की व्यवस्था करनी होगी. इस संबंध में सिलीगुड़ी कोर्ट में काम कर रहे एक लॉ क्लर्क शंभु सिंह राय ने कहा है कि वगैर वैकल्पिक व्यवस्था के जगह छोड़ना सही नहीं है
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस मंजूला चिल्लूर सहित चार अन्य जज जब सिलीगुड़ी अदालत परिसर के दौरे पर आये थे तब उन लोगों ने नये बन रहे भवन के ग्राउंड फ्लोर में लॉ क्लर्को के बैठने की व्यवस्था करने की मांग की थी. सभी जजों ने इस पर सकारात्मक रूख अपनाया और लॉ क्लर्को के बैठने के लिए जगह देने का आश्वासन भी दिया. श्री राय ने कहा कि मंत्री गौतम देव सहित सभी लोग मौखिक रूप से जगह देने की बात कर रहे हैं. लिखित में कोई भी कुछ भी देने से इंकार कर रहा है. स्थायी भवन के निर्माण हो जाने के बाद अगर लॉ क्लर्को के बैठने की व्यवस्था नहीं की गई तो आखिरकार हम लोग क्या करेंगे.
इधर, सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के सचिव चंदन दे ने कहा है कि लॉ क्लर्को की मांग सही है. उनके वगैर वकील भी अपना काम-काज नहीं चला सकते. ऐसे में उनकी मांगों को सहानुभूतिपूर्वक देखना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि मेट्रोपोलिटन कोर्ट हेतु नये भवन का निर्माण कार्य लॉ क्लर्को के साथ बातचीत के बाद ही शुरू होगा. मंत्री गौतम देव को भी इस बात की जानकारी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि मंत्री गौतम देव स्वयं की लॉ क्लर्को की मांगों पर गौर कर रहे हैं.

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