सिलीगुड़ी : चुनाव बूथ पर हिंसा हो रहा है, विरोधी राजनीतिक पार्टियों को सरेआम हमला किया जा रहा है. लेकिन केंद्रीय बल हजार मीटर जाकर पहरा देती है. विरोधियों को सरेआम पीटने का तृणमूल नेता आदेश देते है. लेकिन चुनाव आयोग कोई कार्रवायी नहीं करती. उम्मीदवारों की जान–माल का खतरा है.
कईयों ने डर के मारे नामांकन–पत्र नहीं भरा. तीसरा चरण का चुनाव समाप्त हो चुका है. चौथा 25 को है. लेकिन इस बीच 27 लोग मारे गये. 2003 में 10.7 फीसदी सीट पर निर्विरोध विभिन्न पार्टियों की जीत हुई थी. लेकिन इस वष्र 17.3 फीसदी सीट पर तृणमूल का मुकाबला तृणमूल से है. पंचायत चुनाव पारदर्शी नहीं है.
यह कहना है भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य अध्यक्ष राहुल सिन्हा का. वें शनिवार को पंचायत चुनाव को लेकर पत्रकारों से मुखातिब थे.
भाजपा राज्य अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने पत्रकारों ने बिमान बोस और निरूपम सेन का नाम न लेते हुये कहा कि इनके व्यक्तिगत खाते से कुल 16 करोड़ रूपये मिले है. बाद में इस पार्टी का पैसा कह दिया गया. हम इसकी सीबीआई जांच चाहते है. ममता बनर्जी पर कटाक्ष करते हुये कहा कि दो साल पहले ‘बदला नोय ,बदल चाई’ का स्लोगन लेकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गयी.
अब पंचायत चुनाव में बदले की राजनीति खेल रही है. हम चाहते है कि इस चुनावी हिंसा में जिसकी जान गयी. उस परिवार को मुआवजा मिले. उन्होंने कहा कि पहले चरण के चुनाव में 73 फीसदी केंद्रीय बल था, दूसरे पर 62 फीसदी और तीसरे तक आते–आते 48 फीसदी हो गया.
चुनाव आयोग शिकायत पर कोई कदम नहीं उठाती. यदि चुनाव पारदर्शी और शांतिपूर्ण होता तो इसके परिणाम से हम खुश होते. लेकिन फिर भी हमें आशा है. 2008 से बेहतर परिणाम होंगे.