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विकलांग स्वरूप झा ने दी आत्महत्या की धमकी

मालदा: वाम शासनकाल में प्राथमिक स्कूल में नौकरी दिलवाने का झांसा देने के आरोप में दो माकपा नेताओं के खिलाफ जिला प्रशासन से शिकायत दर्ज किये जाने का मामला सामने आया है. विकलांग स्वरुप झा ने इस मामले में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी फैक्स भेजा है. विकलांग व्यक्ति ने चेतावनी दी है […]

मालदा: वाम शासनकाल में प्राथमिक स्कूल में नौकरी दिलवाने का झांसा देने के आरोप में दो माकपा नेताओं के खिलाफ जिला प्रशासन से शिकायत दर्ज किये जाने का मामला सामने आया है. विकलांग स्वरुप झा ने इस मामले में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी फैक्स भेजा है.

विकलांग व्यक्ति ने चेतावनी दी है कि अगर माकपा समर्थित निखिल बंग प्राथमिक शिक्षा समिति के दो सदस्यों को कठोर सजा नहीं देने पर जिला प्रशासनिक भवन के सामने वह अपने आप को आग लगा कर खुदकुशी कर लेगा.मालदा जिला शासक गोदाला किरण कुमार ने मामले की जांच का आश्वासन दिया.

विकलांग स्वरुप कहते हैं वह मालदा के इंग्लिशबाजार ब्लॉक के शोभानगर का रहनेवाला है. उसके पिता शशांक शेखर झा स्थानीय प्राथमिक स्कूल में स्थायी नौकरी करते थे. वर्ष 2001 में बीमारी के कारण उनके पिता का निधन हो गया. इसके बाद वर्ष 2003 में उनकी मां की मौत हो गयी. 2010 को मोटर बाइक हादसे में भाई सुमन की भी मौत हो गयी. 38 वर्षीय स्वरुप फिलहाल बेरोजगार है. स्नतक के बाद 1991 में उन्होंने बेसिक ट्रेनिंग में फस्र्ट क्लास मिला था.

पिता ने उनके बाद मेरे लिए स्कूल में नौकरी के लिए आवेदन किया था. पिता की मौत के बाद मालदा जिले के प्राथमिक स्कूल काउंसिल के दो माकपा सदस्य सुभाष सरकार व साधन पाल ने अस्वस्थ्य पिता के स्वस्थ्य रहने संबंधी झूठी रिपोर्ट तैयार की थी. इस आधारहीन रिपोर्ट के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में मामला दर्ज किया था.

हाईकोर्ट के निर्देश पर पिता का मेडिकल टेस्ट किया गया था. 30 मार्च 1998 को उनके पिता को मेडिकल बोर्ड ने अक्षम घोषित किया. इस रिपोर्ट को प्राथमिक काउंसिल में भेजा गया. तत्कालीन माकपा प्रभावित निखिल बंग प्राथमिक शिक्षा काउंसिल के दोनों सदस्य ने फिर जांच रिपोर्ट तैयार कर कहा 58 वर्ष की उम्र में पिता के अवसर लेने के बाद मेरे नौकरी के लिए आवेदन नहीं किया गया. जबकि मेडिकल सर्टिफिकेट में पिता की उम्र 55 वर्ष थी.

इसके बाद स्वरुप झा ने शोभानगर हाई स्कूल में पारा टीचर के लिए आवेदन किया. वहां भी घोटाला कर मेरा नाम खारिज कर दिया गया. बेरोजगारी लेकर ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रहा जाता. इसलिए प्रशासन के पास उन्होंने आत्महत्या की बात कही. जिला प्रशासन के अनुसार जिन दो लोगों पर आरोप लगाया गया है, उमें से सुभाष सरकार की कई साल पहले मौत हो गयी. साधन पाल जीवित है. दूसरी ओर माकपा नेता साधन पाल ने स्वरुप के सभी आरोपों को झूठा करार दिया. उन्होंने कहा कि षढ़यंत्र के जरिए उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है.

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