सिलीगुड़ी: पूरे राज्य के साथ-साथ दाजिर्लिंग जिले में भी लगातार घटते जनाधार ने माकपा की चिंता बढ़ा दी है. सिलीगुड़ी के निकट नक्सलबाड़ी में आयोजित माकपा के दो दिवसीय जिला सम्मेलन में कुछ इसी प्रकार के संकेत उभर कर सामने आये हैं.
इस सम्मेलन में माकपा के शीर्ष नेताओं ने माना है कि पार्टी के जनाधार में लगातार गिरावट आयी है. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद से पिछले तीन वर्षो में काफी माकपा समर्थक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये हैं. पार्टी के युवा संगठन डीवाईएफआई तथा छात्र संगठन एसएफआई की शक्ति भी काफी कम हो गई है.
इन दोनों ही संगठनों के सदस्य विरोधी दलों में शामिल हो गये हैं. जिला सम्मेलन के बाद जारी प्रस्ताव में माकपा ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार की जम कर आलोचना की है. प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य में सत्ता के परिवर्तन के बाद से ही विकास का काम, बल्कि दिखावा अधिक हो रहा है. इतना ही नहीं, इस प्रस्ताव में सारधा घोटाला तथा एसजेडीए घोटाले आदि मुद्दे को लेकर तृणमूल कांग्रेस सरकार तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरने की कोशिश की गई है. जिला कमेटी की बैठक में इस बात पर भी चिंता व्यक्त की गई कि एक ओर जहां युवा एवं छात्र संगठन की शक्ति में कमी आयी है, वही श्रमिक संगठन सीटू की स्थिति भी ऐसी ही बनी हुई है. पहले जिले के चाय बागानों में सीटू की तूती बोलती थी. वर्तमान में चाय श्रमिक सीटू संगठन से कट गये हैं.
पार्टी नेताओं ने पारित प्रस्ताव में चाय बागानों में अपनी शक्ति एक बार फिर से बढ़ाने पर जोर दिया है. इसके लिए विभिन्न चाय बागानों में शीघ्र ही सदस्यता अभियान की शुरूआत की जायेगी. जिला कमेटी की बैठक में पार्टी नेताओं ने चाय श्रमिकों की समस्याओं को लेकर आंदोलन करने का भी ऐलान किया है. जिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए विभिन्न नेताओं ने जहां एक ओर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की, वही दूसरी ओर भाजपा की बढ़ती शक्ति का खौफ भी देखने को मिला है. लोकसभा चुनावों में समतल क्षेत्र में भाजपा नेता एसएस अहलूवालिया को मिले मत प्रतिशत पर नेताओं ने चिंता व्यक्त की. पूरे जिला सम्मेलन में माकपा नेताओं के बीच तृणमूल कांग्रेस और भाजपा का ही खौफ छाया रहा. कांग्रेस की कहीं भी आलोचना नहीं की गई है. जिला कमेटी की बैठक में विधानसभा में विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्र भी शामिल हुए थे. उन्होंने पहले दिन इस बैठक को संबोधित किया था. उन्होंने भी अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जितनी आलोचना की, उतनी ही आलोचना भाजपा की भी की. श्री मिश्र ने ममता बनर्जी पर सीधे हमला करते हुए कहा था कि सारधा घोटाले के कारण मुख्यमंत्री के अंदर खौफ है और अपनी गिरफ्तारी की डर से वह विरोधियों को कुचलने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए भाजपा को साम्पदायिक दल करार दिया था. इधर, जिला कमेटी की बैठक के संबंध में माकपा नेता तथा पूर्व मंत्री अशोक भट्टाचार्य का कहना है कि पार्टी की शक्ति कमजोर हुई है, यह सभी ने माना है. एक बार फिर से पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जोरदार पहल करने का निर्णय लिया गया.