सिलीगुड़ी: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की टीम का दो दिवसीय उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का दौरा संपन्न हो गया.
एमसीआइ के तीन सदस्य कल सोमवार को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ढांचागत सुविधाओं की जांच के लिए दौरे पर आये थे. आज दूसरे दिन टीम के तीनों सदस्यों ने मेडिकल कॉलेज के विभिन्न वार्डो का एक बार फिर से दौरा किया और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.
इस टीम में डॉ बीएस तिवारी, डॉ रेशमी सिंह एवं एस श्रीबनिक शामिल हैं. बैठक के बाद टीम के सदस्यों ने बताया है कि वह शीघ्र ही इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार कर एमसीआई को जमा कर देंगे. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में सीटों की संख्या बढ़ाने का भविष्य इसी रिपोर्ट पर निर्भर करता है. अस्पताल सूत्रों ने बताया है कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई के लिए कुल 100 सीटें हैं.
जिसे बाद में बढ़ाकर 150 कर दी गई थी. लेकिन 150 मेडिकल छात्रों को शिक्षा देने के लिए आवश्यक ढांचागत सुविधाओं के नहीं रहने के कारण एमसीआई ने 50 सीटों का आवंटन रद्द कर दिया था. उसके बाद ही एमसीआई ने राज्य सरकार से मेडिकल कॉलेज में ढांचागत सुविधाओं के विकास के निर्देश दिये थे. राज्य सरकार द्वारा उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ढांचागत सुविधाओं की कितनी विकास की गई है, इसी की जांच के लिए एमसीआई के तीन सदस्य यहां आये हुए थे. मेडिकल कॉलेज में सीटों की संख्या बढ़ाकर एक बार फिर से 150 किये जाने का निर्णय इन्हीं की रिपोर्ट पर निर्भर है. पूरे अस्पताल प्रबंधन की निगाहें इनकी रिपोर्ट पर टिकी हुई है.
अस्पताल सूत्रों ने बताया है कि विभिन्न वार्डो के दौरे के बाद एमसीआई की टीम ने ढांचागत सुविधाओं को ठीक-ठाक पाया है, लेकिन कई कमियां भी इन लोगों ने पायी है. सूत्रों ने बताया कि एमसीआई ने इससे पहले ही मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को एक सभागार के साथ-साथ अलग से क्लास रूम बनाने को कहा था. आज जब एमसीआई की टीम ने दौरा किया तो इस काम के पूरा नहीं होने पर अपनी नाराजगी भी जतायी है. इसके अलावा दौरे के प्रथम दिन अस्पताल के करीब 20 से भी अधिक डॉक्टर अनुपस्थित थे. डॉक्टरों की अनुपस्थिति को एमसीआई की टीम ने गंभीरता से लिया है. हालांकि डॉक्टरों ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि वह लोग सरकारी काम से कोलकाता गये हुए थे और मालदा में रेल रोको आंदोलन के कारण ट्रेन लेट हो गयी. इसी वजह से वह लोग समय पर मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंच सके. उनके इस तर्क से एमसीआई टीम के सदस्य कितने संतुष्ट हैं, यह अभी नहीं कहा जा सकता.