सिलीगुड़ी. इंसेफ्लाइटिस को लेकर पूरे उत्तर बंगाल में कहर बरपा हुआ है.उत्तर बंगाल के सभी सात जिलों में रेड एलर्ट घोषित है. फिर भी प्रशासनिक स्तर पर इस बीमारी से लड़ने के लिए जो तैयारी की जानी चाहिए थी,वह नहीं की जा रही है.
सिलीगुड़ी नगर निगम पर तो पहले से ही साफ सफाई में कोताही बरतने की आरोप लग रहे थे,अब इसी प्रकार का आरोप सिलीगुड़ी महकमा परिषद पर भी लग रहो है.
ग्रामीण इलाकों में साफ सफाई की जिम्मेदारी महकमा परिषद की है. आरोप है कि सिलीगुड़ी महकमा के गांव-कस्बों में अभी तक इस बीमारी से निपटने के लिए प्रशासन ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया है. गांवों में अभी तक सुअरों का पालन हो रहा है. वही मच्छरों का दबदबा भी कायम है. मच्छरों के नाश के लिए अबतक डीडीटी आदि का छिड़काव नहीं हुआ है. जबकि महकमा शासक दीपाप प्रिया पी का कहना है कि सभी ब्लॉकों को सतर्क कर दिया गया है. इस बीच सोमवार से महकमा के स्कूलों में इंसेफ्लाइटिस के मुकाबला करने के लिए जागरूकतामूलक प्रचार अभियान शुरू किया जायेगा. सर्वशिक्षा मिशन की ओर से यह जानकारी दी गयी है.वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया है बच्चों को इस दिशा में जागरूक बनाने की जरूरत है.
इसी वजह से इस प्रकार का आयोजन किया जा रहा है. इस बीच,सिलीगुड़ी में विभिन्न राजनीतिक दल व संगठनों की ओर से ब्लिचिंग पाउडर समेत अन्य कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है. सिलीगुड़ी में वाम मोरचा के अलावा विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की ओर से विभिन्न जागरूकतामूलक प्रचार अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन सिलीगुड़ी महकमा के ग्राम अंचलों में हालत जस की तस बनी हुई है. फांसीदेवा, नक्सलबाड़ी, खोरीबाड़ी व माटीगाड़ा में इंसेफ्लाइटिस से लड़ने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाये जा रहे हैं. फांसीदेवा के ज्यादातर इलाकों में ही सुअर का पालन किया जा रहा है. इस ब्लॉक के साप्टीबाड़ी, वीमबार, सैयदाबाद, जयंतिका, जगन्नाथपुर, चटेर हाट समेत विभिन्न इलाकों में सुअर व इंसान एक ही घर में रहते हैं. खोरीबाड़ी, नक्सलबाड़ी इलाके की हालत भी ऐसी है. माटीगाड़ा ब्लॉक के तुंबाजोत, पाथरघाटा, खपरैल समेत आसपास के इलाकों में कोई कीटनाशक व ब्लिचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं हुआ है. यहां कोई स्वास्थ्य कर्मचारी भी नहीं देखे गये.