परेशानी : विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए लिया गया निर्णय बना परेशानियों का सबब
व्यवसायियों, आम नागरिकों को भारी परेशानी, रोजाना के कार्य हुए बाधित, 50 करोड़ का नुकसान
सोशल मीडिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया जाना चाहिए था विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों से
इस निर्णय से शिक्षण संस्थानों से लेकर अखबार की खबरों तक के कामकाज में हुई भारी परेशानी
आसनसोल : आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमीश्नरेट इलाके में विधि-व्यवस्था बनाये रखने के मुद्दे पर पुलिस ने बीते 24 जुलाई से 30 जुलाई तक कमीश्नरेट के पांच थाना इलाकों में सभी टेलीकॉम कंपनियों की इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी. इसके कारण गुरुवार की सुबह से ही सभी कंपनियों की इंटरनेट सेवा बंद हो गयी. इससे आम जनजीवन खास कर व्यवसायिक तथा कार्यालयी कार्य बाधित हुए. आम नागरिकों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई.
पुलिस का मानना है कि पिछले तीन दिनों में हीरापुर तथा आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र में तीन आपराधिक घटनाएं हुई है. इनको लेकर सोशल मीडिया में बड़े पैमाने पर भ्रामक तथा उकसावेबाजी से जुड़ी खबरें व सूचनाएं पोस्ट की जा रही थी. इससे इलाके में विधि व्यवस्था तथा सौहार्द बिगड़ने की आशंका थी.
इस कारण अतिरिक्त पुलिस उपायुक्तों की अनुशंसा पर आसनसोल नॉर्थ, आसनसोल साउथ, हीरापुर, कुल्टी तथा रानीगंज थाना क्षेत्रों में छह दिनों के लिए इंटरनेट सेवा पर रोक लगाई गई. इन सभी थाना क्षेत्रों में हाल के महीनों में गुटीय संघर्ष से सौहार्द प्रभावित हुआ है तथा विधि-ल्यवस्था को संकट पैदा हुआ है.
पुलिस के निर्देश के बाद मोबाइल सेवा प्रदाता टेलीकॉम कंपनियों ने बुधवार की मध्यरात्रि से इन थाना क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी. शिल्पांचल में व्यवसायिक लेन देन, होटल व्यवसाय, नगर निगम की ऑनलाईन परिसेवा, शिक्षण संस्थान, ई-बैँकिंग लेन- देन बुरी तरह प्रभावित हुए. एक आंकलन के मुताबिक सिर्फ गुरूवार को आसनसोल में नेट परिसेवा बाधित होने से 50 करोड़ रूपये से अधिक का व्यवसायिक नुकसान हुआ है. इंटरनेट सेवा बंद किये जाने को लेकर शिल्पांचल के विभिन्न व्यवसायिक संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी है.
आसनसोल होटल ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मनिंद्र कुंद्रा ने कहा कि बदलते दौर में सारी परिसेवाओं को ऑनलाईन कर दी गई है. इंटरनेट सेवा बंद किये जाने से होटल व्यवसाइयों को भारी क्षति उठानी पडी है. उन्होंने इंटरनेट बंद किये जाने के स्थान पर कुछ सोशल साईटस फेसबुक, व्हाटसएप्प को बंद कर इंटरनेट सेवाएं बहाल किये जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि होटलों की ज्यादातर बुकिंग ऑनलाईन होती है. नेट नहीं होने से होटलों की बुकिंग और ऑनलाईन भुगतान प्रभावित हुआ है.
उपाध्यक्ष सह आसनसोल मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रिज के कार्यकारिणी सदस्य अनिल जालान ने कहा कि होटलों की बुकिंग ‘मेक माई ट्रिप’ और ‘गो आइबीबो’ जैसी कंपनियों से इंटरनेट से होती है. परंतु आसनसोल में इंटरनेट सेवा बंद किये जाने से होटल संचालक इनसे हुई बुकिंग की जानकारी से अवगत नहीं हो पाये. जिसके कारण बिना कसूर के ही ऐसे होटलों को ब्लैक लिस्टेड होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि प्रशासन किसी घटना के लिए पूरे शहर के नेट परिसेवा को बंद कर दे यह सही नहीं है.
आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ओमप्रकाश बागड़िया ने कहा कि वित्तीय नहीं सारे व्यवसायिक कार्य ऑनलाईन हो गये हैँ. दवा, मोटर एवं स्पेयर पाट्र्स के कारोबार भी डिजीटलाईज्ड हो चुके हैँ. ऐसे स्थिति में नेट परिसेवा रोके जाने से आसनसोल के व्यवसाइयों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि आसनसोल में नेट बंद होने की सूचना से सीमावर्ती बिहार एवं झारखंड से आसनसोल आने वाले खरीदारों में गलत संदेश जायेगा और वे लंबे समय तक आसनसोल नहीं आयेंगे. जिसका खामियाजा यहां के व्यवसायियों को उठाना पड़ेगा.
आसनसोल रियल स्टेट ऑनर्स एसोसिएशन के सचिव सह आसानसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त सचिव विनोद गुप्ता ने इंटरनेट सेवा बंद किये जाने से समस्या का हल नहीं होने की बात कहते हुए इससे इस क्षेत्र के सभी व्यवसाय और जनसाधारण के प्रभावित होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि रेल एवं प्लेन टिकट बुकिंग, ई-बैँकिंग लेन-देन आदि सेवाएं बुरी तरह ठप्प हो गयी हैँ. व्यवसाइयों को काफी नुकसान उठाना पड़ा.
पश्चिम बर्दवान चेंबर डिस्ट्रिक्ट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रिज के अध्यक्ष वीके ढल्ल ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था बहाल करने के तहत प्रशासन को शहर में इंटरनेट सेवा बंद करने से पहले व्यवसाइयों के हितों को भी महत्व देना चाहिए. नेट परिसेवा बंद होने से शहर के व्यवसायी वर्ग को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने प्रशासन से ऐसे कठोर निर्णय लेने से पहले सभी वर्ग के लोगों के हितों को ध्यान में रखने की बात कही.
संस्था के उपाध्यक्ष राम कुमार शारदा ने कहा कि सारे भुगतान ऑनलाईन हो गये हैँ. प्रशासन के नेट सेवा रोके जाने से हर तरह के व्यवसाय प्रभावित हुए हैँ. उन्होंने नेट सेवा बंद किये जाने को किसी समस्या का समाधान नहीं बताया.
आसनसोल मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रिज के अध्यक्ष सात्विक लाल ने कहा कि अभी व्यवसायी ई-बैँकिंग, आयकर रिटर्न फाइलिंग, जीएसटी भरने जैसे कार्य में व्यस्त हैँ. ये सारी परिसेवाएं ऑनलाईन हैँ और प्रशासन ने नेट पर रोक लगा दी है. उन्होंने पूरे शहर में नेट बंद किये जाने के स्थान पर सिर्फ प्रभावित क्षेत्र विशेष में नेट बंद किये जाने का समर्थन किया.
आसनसोल मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रिज के सचिव निखिलेश उपाध्याय ने कहा कि संगठित क्षेत्र में सारे कार्य ऑनलाईन हैं. प्रशासन द्वारा नेट सेवा बंद किये जाने से व्यवसायिक लेन-देन पूरी तरह ठप्प हो गया है. जिससे व्यवसायियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. आसनसोल नॉर्थ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मनदीप सिंह लाली ने कहा कि नेट सेवा बंद किये जाने से व्यवसाय पूरी तरह ठप्प है. व्यवसायी भुगतान व अन्य व्यवसायिक लेन-देन नहीं कर पा रहे हैँ. उन्होंने नेट बंद किये जाने को समस्या का समाधान नहीं बताया.
सचिव मनोज भाष्कर ने कहा कि सरकार को पूरे शहर में नेट बंद किये जाने के स्थान पर कुछ सोशल साईटस को रोक देना चाहिए था. उन्होंने पूरे शहर के नेट बंद किये जाने को सही नहीं बताया.
जामुडिया चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रिज के सचिव अजय खेतान ने इंटरनेट बंद करने को किसी समस्या का समाधान नहीं होने की बात कही. उन्होंने इन स्थितियों में प्रशासन से सिर्फ सोशल साईटस फेसबुक, व्हाटसएप्प पर रोक लगाये जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस दौर में नेट के बिना व्यवसाय का संचालन मुमकिन नहीं है.
अध्यक्ष जयप्रकाश डोकानिया ने कहा कि नेट बंद करने से व्यवसाइयों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी है. भुगतान, बिल जेनरेट सारे कार्य नहीं होने से व्यवसाइयों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
नियामतपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव गुरविंदर सिंह ने कहा कि प्रशासन को किसी घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर अंकुश लगाने के स्थान पर इंटरनेट सेवा बंद कर देने से कोई लाभ नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि नेट बंद होने से नियामतपुर संलग्न इलाके के व्यवसायियों को काफी परेशानी उठाना पड़ा है. झारखंड तथा बिहार के व्यवसायी शिल्पांचल में प्रवेश करने से कतरायेंगे और व्यवसाइयों को नुकसान उठाना पड़ेगा.
अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि प्रशासन को अधिकार है कि वह शांति व्यवस्था के लिए इंटरनेट या किसी सेवा पर रोक लगा दे. परंतु प्रशासन को व्यवसाइयों को होने वाले नुकसान के बारे में भी विचार करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में जहां सारी परिसेवाओं के लिए व्यवसायी नेट पर निर्भर हैँ वहां नेट बंद किये जाने से व्यवसाइयों को परेशानी हो रही है.
बराकर चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष शिव कुमार अग्रवाल ने नेट सेवा बंद किये जाने से व्यवसाइयों को परेशानी होने की बात स्वीकार करते हुए अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन के नेट पर रोक के निर्णय को सही ठहराया. उन्होंने कहा कि प्रशासन को जरूरी सोशल साइट्स फेसबुक, व्हाटसएपप पर रोक लगानी चाहिए थी.