अनूठा सफर l70 साल की उम्र में पहली बार जा रहे कोलकाता
30-35 साल तक रहे माकपा समर्थक
कालियागंज : दुनिया में अजूबा लोगों की कमी नहीं है. आज के कंप्यूटर युग में भी ऐसे ग्रामीण हैं जिन्होंने कोलकाता महानगर का दर्शन नहीं किया है. कालियागंज के निकट हेमताबाद ब्लॉक अंतर्गत विष्णुपुर गांव के रामदास मुर्मू भी उन्हीं में से एक हैं. 21 जुलाई को ब्रिगेड ग्राउंड में तृणमूल की शहीद दिवस पर रैली आयोजित हो रही है. उसमें शामिल होने के लिये हजारों कार्यकर्ता और तृणमूल समर्थक कालियागंज स्टेशन पर ट्रेन से शनिवार को रवाना हो गये. रवाना होने वालों में रामदास मुर्मू भी शामिल थे.
पेशे से किसान रामदास 30-35 साल माकपा के समर्थक रहे. लेकिन 2011 में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विकास की रफ्तार से प्रेरित होकर अब तृणमूल के समर्थक हैं. आज तक रामदास ने दीदी को निकट से नहीं देखा है. इसलिये उनकी एक झलक पाने के लिये कार्यकर्ताओं के साथ कोलकाता जा रहे हैं. लेकिन सुनने में बड़ा अजीब लगा जब उन्होंने मुख्यमंत्री का नाम बताने में असमर्थता जतायी. ट्रेन पर सवार होने से पहले प्लेटफार्म पर जब संवाददाता ने उनसे पूछा कि वह तो तृणमूल की रैली में जा रहे हैं.
लेकिन पोशाक लाल पहन रखी है. इस पर उनका कहना है कि लंबे समय तक वे वामपंथी थे. इसलिये स्वाभाविक ही है कि उनका लाल से कुछ ज्यादा ही लगाव है. लेकिन जिस तरह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य का विकास कर रही हैं उससे वह काफी उत्साहित हैं. इसलिये दीदी को समर्थन दे रहे हैं. कहा कि फिलहाल दीदी का कोई विकल्प नहीं है. वह उन्हें कोलकाता के मसनद पर ही बैठे हुए देखना चाहते हैं.
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वह जीवन में पहली बार कोलकाता जा रहे हैं. इसलिये दीदी के दर्शन के अलावा उनकी इच्छा कोलकाता के ऐतिहासिक ट्राम-वे पर सवारी करने और चिड़ियाखाना देखने की है. यह लालसा भी वह पूरा करना चाहते हैं. वह दीदी के अलावा अन्य वरिष्ठ मंत्रियों को भी करीब से देखना चाहते हैं. वाकई, इस उम्र में भी राजनीति से इतना लगाव उत्साहजनक और विरल है.