सिलीगुड़ी: आज पूरे देश के साथ सिलीगुड़ी में भी नि:शक्तों (विकलांग) ने दया नहीं, अधिकार के लिए आवाज उठायी. नि:शक्तों के लिए कार्य कर रहे संगठन पश्चिम बंग राज्य प्रतिबंधी (विकलांग) सम्मिलनी की दाजिर्लिंग जिला इकाई के बैनर तले आज सिलीगुड़ी में नि:शक्तों ने स्थानीय मल्लागुड़ी स्थित मेट्रोपोलिटन पुलिस मुख्यायल में आयुक्त जगमोहन के मारफत राज्य गृह मंत्रालय के गृह सचिव को ज्ञापन भेजा.
नि:शक्तों ने आयुक्त से गुहार लगायी कि नि:शक्तों के अधिकारों (शिक्षा, स्वास्थ्य, क्रीड़ा व पुनर्वासन) के लिए लड़ाई लड़ रहे नेशनल प्लेटफार्म फॉर द राइटर्स ऑफ द डिजेवेल्ड (एमपीआरडी) के महासचिव कांति गांगुली को हत्या के एक झूठे मामले में फंसाया गया है.
नि:शक्तों ने पुलिस आयुक्त के मारफत गृह सचिव से गुहार लगायी है कि श्री गांगुली पर दर्ज मामला अविलंब खत्म हो, अन्यथा वृहतर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. नि:शक्तों ने कहा कि उन्हें सरकार से मिलने वाले सुविधाओं से भी वंचित किया जा रहा है. ट्रेनों में विकलांगों की बोगी में सीटों को रेलवे कर्मचारी अतिरिक्त पैसा लेकर साधारण यात्रियों को बुक कर देते हैं. इसके अलावा भी अन्य सभी जगहों पर उन्हें सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है. दाजिर्लिंग जिला इकाई की अध्यक्ष व सिलीगुड़ी महकमा परिषद की पूर्व सभाधिपति मनि थापा एवं सचिव अमला आचार्य के नेतृत्व में नि:शक्तों ने गृह सचिव को ज्ञापन भेजा.