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छठ पूजा को लेकर हो रहा नदियों का कायाकल्प
बानरहाट : सिलीगुड़ी की महानंदा नदी घाटों पर छठ पूजा को लेकर पर्यावरण का सवाल उठा था. इसके जरिये नदियों के प्रदूषित होने का मसला भी सामने आया है. हालांकि छठ पूजा के चलते कई नदियों का कायाकल्प भी हो रहा है जो एक नया तथ्य देखने में आ रहा है. इसी क्रम में बानरहाट […]
बानरहाट : सिलीगुड़ी की महानंदा नदी घाटों पर छठ पूजा को लेकर पर्यावरण का सवाल उठा था. इसके जरिये नदियों के प्रदूषित होने का मसला भी सामने आया है. हालांकि छठ पूजा के चलते कई नदियों का कायाकल्प भी हो रहा है जो एक नया तथ्य देखने में आ रहा है. इसी क्रम में बानरहाट थानांतर्गत बिन्नागुड़ी छठ पूजा कमेटी की पहल पर तेलीपाड़ा नदी की सफाई पेलोडर (जेसीबी) के जरिये की जा रही है.
हर साल की तरह इस साल भी तेलीपाड़ा नदी के घाटों पर छठ पूजा की तैयारियों से बिन्नागुड़ी और आसपास के इलाकों में सक्रियता बढ़ गयी है. सनद रहे कि धूपगुड़ी प्रखंड अंतर्गत सांकोआझोड़ा एक नंबर ग्राम पंचायत की ओर से आंगराभासा नदी की सफाई पेलोडर से की जा रही है. उत्तर बंगाल विकास विभाग ने छठ घाट की मरम्मत और सफाई के लिये करीब डेढ़ करोड़ रुपए मंजूर किये हैं.
उल्लेखनीय है कि नदियों की गहराई दिनोंदिन कम होने से हर साल तटवर्ती इलाकों में बसे लोगों को बाढ़ के संकट का सामना करना पड़ता है. कई लोगों का मानना है कि अगर इसी तरह नदियों की सफाई पूरे साल हो तो नदियों की तस्वीर बदल सकती है. गुरुवार से शुरु की गयी तेलीपाड़ा नदी की सफाई के बाबत बिन्नागुड़ी छठ पूजा कमेटी के आयोजकों गोपाल सिंह, विवेक साह, उमेश प्रसाद, श्रीकांत यादव, लालू शर्मा, बलराम राय और शंभु शर्मा ने बताया कि इस बार छठ पूजा 33वें वर्ष में पदार्पण कर रही है.
इसलिये इस बार पूजा बजट पिछले बार की तुलना में अधिक है. करीब पांच हजार व्रती और उनके परिजन इस पूजा में शामिल होते हैं. पूजा के लिये छठ घाट में बिजली और रोशनी की व्यवस्था के लिये चंदा संग्रह किया जाता है. छठ पूजा के अलावा उस रोज शाम को बाहर से लोकप्रिय कलाकारों को बुलाकर लोक संगीत और भजन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
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