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जान की नहीं, चालान की है परवाह, पुलिस के अभियान से बाइक चालकों में हड़कंप
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर में पिछले 1 सप्ताह से ट्रैफिक पुलिस ने दोपहिया वाहनों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान छेड़ रखा है. पुलिस ने बाइक सवार के साथ-साथ पीछे सवारी करने वाले के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. इसकी ही लगातार चेकिंग की जा रही है. इस अभियान के तहत सिलीगुड़ी […]
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर में पिछले 1 सप्ताह से ट्रैफिक पुलिस ने दोपहिया वाहनों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान छेड़ रखा है. पुलिस ने बाइक सवार के साथ-साथ पीछे सवारी करने वाले के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. इसकी ही लगातार चेकिंग की जा रही है. इस अभियान के तहत सिलीगुड़ी शहर के हर चौक चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की सक्रियता लगातार देखी जा रही है.
हरेक ट्रैफिक प्वाइंटों पर बाइक की चेकिंग की जा रही है तथा सैकड़ों की संख्या में चालान काटे जा रहे हैं. शहर के पानीटंकी मोड़,भक्ति नगर चेकपोस्ट, चंपासारी मोड़, सेवक मोड़, एयरव्यू मोड़, दार्जिलिंग मोड़, मल्लागुड़ी, जलपाई मोड़ सहित तमाम ट्रैफिक प्वाइंटों पर पुलिस वाले बाइक चेकिंग और चालान काटने में व्यस्त हैं.
सेफ ड्राइव सेव लाइफ अभियान के तहत आम लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ बाइक के कागजातों की भी जांच की जा रही है. ट्रैफिक पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पिछले 1 सप्ताह के दौरान करीब 15 सौ चालान काटे जा चुके हैं.इस दौरान आमलोगों को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है.
हेलमेट की मांग में 300 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
दूसरी ओर पुलिस की इस कार्रवाई को देखते हुए आमलोगों के बीच हेलमेट खरीदने की होड़ मच गई है. पिछले तीन चार दिनों में सिलीगुड़ी शहर में हेलमेट की मांग में करीब 300 गुना की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे आरोप यह भी है कि कई हेलमेट कारोबारी अधिक दाम भी वसूल रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार पहले एक हेलमेट की दुकान में औसतन 10 से 12 हेलमेट की बिक्री प्रतिदिन होती थी. लेकिन अब अचानक इसमें भारी उछाल आया है. एक अनुमान के मुताबिक पिछले तीन-चार दिनों में हर दिन 35 से 40 लोग हेलमेट खरीद रहे हैं.
क्या कहना है हेलमेट विक्रेताओं का
इस संबंध में एक हेलमेट विक्रेता साईनाथ ट्रेडर्स के शुभम प्रसाद ने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों में हेलमेट की बिक्री में अचानक बढ़ोतरी हो गई है. हालांकि उन्होंने हेलमेट के अधिक दाम में बेचे जाने से इनकार किया. उन्होंने आगे कहा कि ट्रैफिक पुलिस ने दो पहिया वाहन के पीछे सवारी करने वाले के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है. इसी कारण हेलमेट की बिक्री अचानक बढ़ी है. कुछ इसी तरह की बातें एक और हेलमेट कारोबारी नितेश घोषाल ने भी कही.
श्री परमेश्वरी के नितेश घोषाल ने बताया कि वह कम कीमत वाली हेलमेट नहीं बेचते हैं. उनके यहां प्रीमियम क्वालिटी के हेलमेट ही बेचे जाते हैं. जबकि ट्रैफिक पुलिस की कड़ाई के बावजूद लोग साधारण हेलमेट खरीदना ही पसंद कर रहे हैं . दरअसल यही सबसे बड़ी चिंता की बात है. पुलिस ने भले ही सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया हो लेकिन आम लोग अभी भी सुरक्षा को लेकर सचेत नहीं हुए हैं. हेलमेट पहनना सड़क दुर्घटना में बचने के लिए जरूरी है. आमतौर पर सड़क दुर्घटना में सिर पर चोट लगती है.
सिर पर चोट से बचाव के लिए ही हेलमेट पहनना जरूरी है. पुलिस के इस अभियान में थोड़ी चूक दिख रही है. आम लोग बस पुलिस से बचने के लिए ही हेलमेट खरीदना पसंद कर रहे हैं. सुरक्षा से उनका कोई लेना-देना नहीं है. साधारण हेलमेट की बिक्री बढ़ी है. शुभम प्रसाद का कहना है कि आम लोग पुलिस की कार्यवाही के बाद भी अपनी जान के प्रति सचेत नहीं हुए हैं. लोग सस्ते किस्म के हेलमेट खरीदना चाहते हैं. जो भी कोई उनके दुकान पर आता है बस वह काम चलाओ हेलमेट देने की ही बात करता है.
कम लोग ही खरीदते हैं आइएसआइ मार्क हेलमेट
श्री प्रसाद ने आगे बताया कि कामचलाऊ हेलमेट डेढ़ सौ से 200 रूपये में मिल जाते हैं. लेकिन इससे दुर्घटना होने पर जान की सुरक्षा नहीं के बराबर है. उनके दुकान में हेलमेट खरीदने वाले अगर 30 लोग आते हैं तो उस में 25 से 27 लोग कामचलाऊ हेलमेट की मांग करते हैं. बहुत कम लोग ऐसे हैं जो आईएसआई मार्क के हेलमेट मांगते हैं.
उन्होंने आगे बताया कि पुलिस को हेलमेट की चेकिंग के साथ-साथ बाइक सवारों को आईएसआई मार्क वाले अच्छे हेलमेट खरीदने की भी सलाह देनी चाहिए. श्री प्रसाद ने आगे बताया कि 400 से 600 रूपये तक के हेलमेट ठीक-ठाक होते हैं. ऐसे 700 से 3000 रूपये तक का हेलमेट पहनना काफी सुरक्षित होता है. हांलाकि इतनी अधिक कीमत की हेलमेट लोग खरीदना नहीं चाहते. दूसरी तरफ नीतीश घोषाल ने भी कुछ इसी तरह की बातें कही.
उन्होंने कहा कि लोग हेलमेट पहनने का मतलब पुलिस से बचना मान रहे हैं. जान की चिंता किसी को नहीं है. हेलमेट जान बचाने के लिए खरीदना चाहिए ना की पुलिस से बचने के लिए. इस बीच पुलिस द्वारा हेलमेट चेकिंग अभियान लगातार जारी है.
क्या कहते हैं डीसी ट्रैफिक
इस संबंध में डीसी ट्रैफिक नागेंद्र त्रिपाठी ने बताया है कि यह अभियान लगातार चलेगा. ऐसा नहीं है कि सप्ताह 10 दिन तक हेलमेट चेकिंग चलेगी और बाद में इसे रोक दिया जाएगा. आमलोगों को सड़क दुर्घटना रोकने तथा जान की सुरक्षा के लिए जागरुक किया जा रहा है. लगातार इस तरह के अभियान चलाए जाएंगे. हेलमेट की बिक्री तथा अधिक कीमत लेने के संबंध में श्री त्रिपाठी ने कहा कि इसमें पुलिस कुछ नहीं कर सकती. फिर भी वह संबंधित विभाग से इस बारे में बातचीत करेंगे.
नि:शुल्क हेलमेट देने पर भी विचार
श्री त्रिपाठी ने आगे बताया कि कुछ स्वयंसेवी संगठन के साथ ट्रैफिक पुलिस मुफ्त में भी हेलमेट देने पर विचार विमर्श कर रही है. इसके लिए कई स्वयंसेवी संगठनों से बातचीत की जा रही है. अगर स्वयंसेवी संगठन आगे आते हैं तो उनकी सहायता से मुफ्त में भी हेलमेट दिए जाएंगे. आईएसआई मार्क हेलमेट के संबंध में श्री त्रिपाठी ने कहा कि हेलमेट चेकिंग अभियान के दौरान बाइक सवारों को इस बात की भी जानकारी दी जा रही है. हेलमेट सिर्फ पुलिस से बचने के लिए नहीं, बल्कि सड़क दुर्घटना में जान बचाने के लिए पहनना चाहिए.
यह आम लोगों को समझना होगा. उन्होंने आगे बताया कि पिछले 1 सप्ताह के दौरान हेलमेट चेकिंग अभियान के दौरान करीब 12 सौ से 15 सौ लोगों के चालान काटे गए हैं. हेलमेट की बिक्री बढ़ने पर उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा संकेत है. आमलोग जागरुक हो रहे हैं और सड़क दुर्घटना के प्रति सचेत हो रहे हैं. उन्होंने आम लोगों से आईएसआई मार्क वाले अच्छे हेलमेट खरीदने की ही अपील की.
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