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ग्रेटर कूचबिहार के लिए पकड़ी ओसामा की राह

सिलीगुड़ी : एक समय में पूरी दुनिया में आतंकवाद के प्रतीक रहे ओसामा बिन लादेन के तौर-तरीकों से प्रेरित होकर ही निर्मल राय उर्फ निर्मल बाबा ने उग्रवादी संगठन जीसीएलओ का गठन कर अलग राज्य ग्रेटर कूचबिहार बनाने का निर्णय लिया. लेकिन वह अपने साथियों के साथ सीआइडी के बिछाये जाल में फंस गया. सीआइडी […]

सिलीगुड़ी : एक समय में पूरी दुनिया में आतंकवाद के प्रतीक रहे ओसामा बिन लादेन के तौर-तरीकों से प्रेरित होकर ही निर्मल राय उर्फ निर्मल बाबा ने उग्रवादी संगठन जीसीएलओ का गठन कर अलग राज्य ग्रेटर कूचबिहार बनाने का निर्णय लिया. लेकिन वह अपने साथियों के साथ सीआइडी के बिछाये जाल में फंस गया. सीआइडी ने इनके खिलाफ राजद्रोह व आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. गिरफ्तार चारों आरोपियों को रविवार को सिलीगुड़ी एसीजेएम अदालत में पेश किया गया. अदालत ने इन्हें नौ दिन की रिमांड पर सीआइडी को सौंप दिया है.
सोशल मीडिया के माध्यम से प्रेम प्रसंग और धोखे जैसे मामले पुलिस के सामने आते रहते हैं, लेकिन इसके जरिये उग्रवादियों को एकजुट करने की कोशिश से राज्य पुलिस और सीआइडी ने अपनी निगरानी बढ़ा दी है. शनिवार रात को सीआइडी ने नक्सलबाड़ी इलाके से उक्त चार लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें से निर्मल राय उर्फ निर्मल बाबा को ग्रेटर कूचबिहार लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (जीसीएलओ) का प्रमुख बताया गया है.
इसके साथ कंदरपा दास, रतन अधिकारी व दिपी प्रसाद राय को भी गिरफ्तार किया गया है. निर्मल राय व कंदरपा दास पड़ोसी राज्य असम के निवासी हैं. वहीं रतन अधिकारी कूचबिहार के खागड़ाबाड़ी और दिपी प्रसाद राय जलपाईगुड़ी जिले के बिन्नागुड़ी इलाके का निवासी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जीसीएलओ प्रमुख निर्मल राय उर्फ निर्मल बाबा कुख्यात आतंकवादी संगठन अल कायदा के प्रमुख रहे ओसामा बिन लादेन से काफी प्रभावित है. ओसामा एक सिविल इंजीनियर था और निर्मल राय एक हार्डवेयर इंजीनियर है. अलग राज्य कामतापुर या ग्रेटर कूचबिहार के आंदोलन में निर्मल राय भी शामिल हुआ था.
बाद में उसने ग्रेटर कूचबिहार के लिए अपना अलग संगठन बनाने की ठानी. इसके लिए उसने केएलओ के कई सदस्यों से भी संपर्क किया, लेकिन उसकी दाल नहीं गली. फिर वह फेसबुक पर राजवंशी व कामतापुरी लोगों को जोड़ने की कोशिश करने लगा. रतन अधिकारी व दिपी प्रसाद राय भी फेसबुक के जरिये ही निर्मल के संपर्क में आये. इसके बाद उसने जीसीएलओ नामक एक उग्रवादी संगठन बनाया और खुद को इस संगठन का चीफ घोषित किया.
लोगों को अपने संगठन में जोड़ने के लिए निर्मल ने फेसबुक पर कई भावनात्मक व भड़काऊ वीडियो भी अपलोड किये. कई वीडियो में अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन भी किया गया है. उसने 28 अगस्त से पहले उत्तर बंगाल के कई हिस्सों में रेलवे ट्रैक व सरकारी कार्यालयों में विस्फोट कर आंदोलन की शुरुआत करने की भी धमकी दी. फेसबुक पर इनकी भड़काऊ गतिविधियों पर सीआइडी की नजर पड़ी. इसके बाद सीआइडी ने इन्हें गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया. आंदोलन के लिए आवश्यक असलहा की खरीदारी के लिए उन्हें नक्सलबाड़ी बुलवाया, जहां से उनको गिरफ्तार किया गया.
सरकारी पक्ष के वकील सौमित्र सिन्हा सरकार ने बताया कि प्राथमिक जांच में इन सभी की अंतरराष्ट्रीय उग्रवादी संगठनों से सांठगांठ होने के भी प्रमाण मिले हैं. सीआइडी मामले की जांच कर रही है. रिमांड के नौ दिन पूरे होने के बाद चारों को फिर अदालत में पेश किया जायेगा.

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