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वाम बोर्ड पर पांच करोड़ के घोटाले का आरोप
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम के विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने अशोक भट्टाचार्य के नेतृत्व वाले माकपा बोर्ड पर आर्थिक घोटाले का आरोप लगाया है. घोटाले की जांच सीआईडी से कराने की मांग भी राज्य सरकार से किया है. तृणमूल ने वर्ष 2014 के मार्च की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर घोटाले का दावा किया […]
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम के विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने अशोक भट्टाचार्य के नेतृत्व वाले माकपा बोर्ड पर आर्थिक घोटाले का आरोप लगाया है. घोटाले की जांच सीआईडी से कराने की मांग भी राज्य सरकार से किया है. तृणमूल ने वर्ष 2014 के मार्च की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर घोटाले का दावा किया है. वहीं मेयर अशोक भट्टाचार्य ने तृणमूल के आरोपों को निराधार बताते हुए एसजेडीए घोटाले का मुद्दा उठाया है.
सोमवार को प्रेस क्लब ऑफ नॉर्थ बंगाल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिलीगुड़ी नगर निगम के विरोधी दल नेता रंजन सरकार ने बताया कि वर्ष 2008 से लेकर 2013 के बीच निगम में काफी घोटाला हुआ है. इस दौरान सिलीगुड़ी नगर निगम बोर्ड पर माकपा व कांग्रेस का कब्जा था. घोटाले की पूरी कहानी ज्ञात होने के बाद भी निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. श्री सरकार ने वर्ष 2014 के मार्च में जारी निगम की ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में 4 से 5 करोड़ रुपये का घोटाला होने की आशंका जतायी गयी है. उन रुपयों को कहीं कोई जिक्र नहीं है. निगम के पीडब्ल्यूडी, ट्रेड लाइसेंस व अन्य विभागों में भी काफी रुपयों का हेरफेर हुआ है.
उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी में कुकुरमुत्ते की तरह अवैध निर्माण बनकर खड़े हैं. लेकिन निगम का माकपा बोर्ड किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है. क्योंकि यह सभी अवैध निर्माण उनके या फिर कांग्रेस बोर्ड के समय में हुए हैं. इन फाइलों को कुरेदने से अपने या फिर बोर्ड को संभाले रखनेवाली कांग्रेस पर आंच आयेगी. हालांकि 2008 से 2013 के बीच कांग्रेस के साथ तृणमूल भी बोर्ड में शामिल रही थी. लेकिन तृणमूल ने बोर्ड में शामिल होने की बात से साफ इनकार किया है. श्री सरकार ने कहा कि इस घोटाले की जांच सीआईडी से कराने की मांग राज्य सरकार से की है.
सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने माकपा के समय आर्थिक घोटाले की बात को निराधार बताया है. बल्कि उन्होंने कहा कि तृणमूल जिस समय घोटाले की बात कर रही है, उस समय कांग्रेस के साथ तृणमूल भी बोर्ड में शामिल थी. माकपा के समय में आय और व्यय का हर एक कदम का हिसाब रखा हुआ है. तृणमूल पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 से लेकर 13 के बीच सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण का घोटाला सामने आया. यह तृणमूल सरकार सबसे पहला घोटाला था. इसके बाद बीते सात वर्षों में तृणमूल सरकार का कई घोटाला जनता के सामने आया है. इसलिए तृणमूल को घोटाले के आरोप दूसरों पर लगाना शोभा नहीं देता है.
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