सिलीगुड़ी: लोकसभा चुनाव में समझौता नहीं हो पाने के कारण राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस तथा दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र की प्रमुख राजनीतिक शक्ति गोजमुमो के बीच दूरी इतनी बढ़ गयी है कि अब इसके कम होने के कोई आसार नहीं है.
गोजमुमो ने साफ तौर पर एलान कर दिया है कि दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र की समस्याओं को लेकर अब कोई भी बातचीत राज्य सरकार या फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से नहीं की जायेगी. यहां तक कि राज्य में गोजमुमो ने विपक्ष की भूमिका निभाने का एलान किया है. राज्य विधानसभा में गोजमुमो के तीन विधायक हैं.
गोजमुमो नेता तथा जीटीए के सूचना एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख विनय तामांग ने कहा कि अब वह एनडीए के घटक दल हैं, ऐसे में राज्य की तृणतूल सरकार के साथ अब उनका कोई रिश्ता नहीं है. श्री तामांग नयी दिल्ली जाने के क्रम में यहां न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर कल रात संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. उनके साथ गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरुंग तथा रोशन गिरि भी दिल्ली गये हैं. श्री तामांग ने आगे कहा कि दाजिर्लिंग संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार एसएस अहलुवालिया की जीत हुई है. उनकी पार्टी ने श्री अहलुवालिया का समर्थन किया था, ऐसे में स्वभाविक तौर पर अब वह एनडीए के घटक दल हैं. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के चुनाव में गोजमुमो ने तृणमूल कांग्रेस का समर्थन किया था. लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के समर्थन करने के निर्णय के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिस तरह से बदले की कार्रवाई की, वैसे में अब तृणमूल कांग्रेस के साथ कोई भी रिश्ता नहीं रखा जायेगा. उन्होंने कहा कि गोजमुमो के तीनों विधायक विधानसभा में विपक्ष में बैठेंगे. विधानसभा अध्यक्ष को इसकी जानकारी दे दी गयी है.
उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार बन रही है. नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता गोजमुमो को भी मिला है. दिल्ली में नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में भी वे सभी शामिल होंगे.उन्होंने कहा कि मोदी के शपथग्रहण के बाद उनके साथ वह एक बैठक भी करेंगे, जिसमें दाजिर्लिंग के विकास की रूपरेख तय की जायेगी.